नई दिल्ली : ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर असम में अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के गठन की बात की है. कोर्ट के फैसले के बाद ही आसू का यह बयान सामने आया है.
इस संबंध में आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा, 'सीएए के खिलाफ हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. मामले को देखने के लिए संविधान पीठ के गठन के उच्चतम न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'असम में लोग सीएए को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे. यह अधिनियम हमारे अपने लोगों के लिए एक खतरा है. हमारे छात्र सीएए के आंदोलन को बरकरार रखेंगे और इस अधिनियम को वापस लेने की अपनी लड़ाई भी जारी रखेंगे.'
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गौरतलब है कि चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच सीएए को चुनौती देने वाली 144 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
कोर्ट ने यह भी कहा कि असम और त्रिपुरा के मामलों को अन्य राज्यों से अलग निबटाया जाएगा. अदालत ने कहा कि इन दोनों राज्यों में सीएए के साथ समस्या देश के बाकी हिस्सों से अलग है.