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पांच साल में भारत की नागरिकता पाने वालों में 80% बांग्लादेशी

भारत के लिए नागरकिता का आवेदन करने वाले पड़ोसी देशों के नागरिकों में सर्वाधिक बांग्लादेश के शरणार्थी हैं. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद ने बुधवार को एक सवाल का राज्यसभा में जवाब देते हुए यह जानकारी दी.

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Published : Mar 5, 2020, 9:55 AM IST

Updated : Mar 5, 2020, 11:22 AM IST

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सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली : पिछले पांच सालों में भारतीय नागरिकता पाने वाले पड़ोसी देशों के नागरिकों में सर्वाधिक 80 प्रतिशत बांग्लादेश के हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पेश आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमा के 18999 नागरिकों को 2014 से 2019 के दौरान भारत की नागरिकता दी गई.

ब्योरे के अनुसार इनमें सर्वाधिक, बांग्लादेश के 15036 नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई है. इनमें पाकिस्तान के 2935, अफगानिस्तान के 914, श्रीलंका के 113 और म्यांमा का सिर्फ एक नागरिक शामिल है.

इसमें स्पष्ट किया गया है कि 2015 में भारत बांग्लादेश सीमा समझौते के बाद बांग्लादेश के 14864 नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई. पिछले पांच सालों में पाकिस्तान के सर्वाधिक 809 आवेदकों को 2019 में भारत की नागरिकता दी गई, जबकि 2016 में यह संख्या 670 थी.

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मंत्रालय के ब्योरे के मुताबिक अफगानिस्तान के नागरिकों को भारत की नागरिकता देने के मामले में 2015 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की गई है. अफगानिस्तान के 249 आवेदकों को 2015 में भारत की नागरिकता दी गई थी, यह संख्या 2019 में घटकर 40 रह गई.

मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता के बारे में धार्मिक पहचान के आधार पर आंकड़े एकत्र नहीं किए गए.

नई दिल्ली : पिछले पांच सालों में भारतीय नागरिकता पाने वाले पड़ोसी देशों के नागरिकों में सर्वाधिक 80 प्रतिशत बांग्लादेश के हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पेश आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमा के 18999 नागरिकों को 2014 से 2019 के दौरान भारत की नागरिकता दी गई.

ब्योरे के अनुसार इनमें सर्वाधिक, बांग्लादेश के 15036 नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई है. इनमें पाकिस्तान के 2935, अफगानिस्तान के 914, श्रीलंका के 113 और म्यांमा का सिर्फ एक नागरिक शामिल है.

इसमें स्पष्ट किया गया है कि 2015 में भारत बांग्लादेश सीमा समझौते के बाद बांग्लादेश के 14864 नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई. पिछले पांच सालों में पाकिस्तान के सर्वाधिक 809 आवेदकों को 2019 में भारत की नागरिकता दी गई, जबकि 2016 में यह संख्या 670 थी.

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मंत्रालय के ब्योरे के मुताबिक अफगानिस्तान के नागरिकों को भारत की नागरिकता देने के मामले में 2015 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की गई है. अफगानिस्तान के 249 आवेदकों को 2015 में भारत की नागरिकता दी गई थी, यह संख्या 2019 में घटकर 40 रह गई.

मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता के बारे में धार्मिक पहचान के आधार पर आंकड़े एकत्र नहीं किए गए.

Last Updated : Mar 5, 2020, 11:22 AM IST
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