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असम जलप्रलय : काजीरंगा नेशनल पार्क 70% डूबा, सुरक्षित जगहों पर भेजे गए जानवर - One horned rhinoceros at assam in india

असम में बाढ़ आने से काजीरंगा नेशनल पार्क का 70% भाग पानी में डूब गया. पार्क में मौजूद जानवरों को सुरक्षित स्थान पर पंहुचाया दिया गया है.

जलमग्न हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क
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Published : Jul 14, 2019, 11:32 AM IST

Updated : Jul 14, 2019, 12:20 PM IST

गुवाहाटी: असम में विनाशकारी बाढ़ के कारण काजीरंगा नेशनल पार्क का 70% हिस्सा पानी में डूब गया है. बाढ़ के पानी में पार्क के 95 कैंप भी डूब चुके हैं. बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए वन आधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.

दुनिया भर में सबसे ज्यादा एक सींग वाले गैंडे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में रहते हैं. इसके अलावा इस पार्क में चीता और हाथी भी पाये जाते हैं.

पढ़ें: असम: पलभर में उफनती लहरों में बह गई स्कूल की इमारत, देखें वीडियो

बाढ़ से असम को बहुत नुकसान हुआ है. पार्क के अधिकारियों ने बताया कि जानवरों को पार्क के अन्दर ही सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.

अधिकारी ने आगे बताया कि वन विभाग राष्ट्रीय मार्ग 37 पर शिकरियों के लिए पूरी तरह से सतर्क है. शिकरियों से जानवरों की सुरक्षा के लिए पार्क में आने-जाने वाहनों को पास दिया जा रहा है. और रात्रि में वन सुरक्षाकर्मी को तैनात कर दिया गया है.

पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश होने के कारण बेकी नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. बाढ़ को देखते हुए सेना, प्रशासन और एसडीआरएफ टीमों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें: यूपी : स्मार्ट हेलमेट बचाएगा लोगों की जान, हादसा होने पर मिलेगी पुलिस समेत एंबुलेंस को सूचना​​​​​​​

इस दौरान बकसा जिले के बलीपुर चार गांव के बाढ़ में फंसे 150 ग्रामीणों को बाढ़ से निकाला गया. बचाव में 50 महिलाएं, 40 पुरुष, 25 वृद्ध नागरिक और 30 बच्चे थे.
बाढ़ से निकाले गये लोगों को ओदलगुडी में बनाये गये अस्थायी बाढ़ शिविर में पंहुचाया गया.

गुवाहाटी: असम में विनाशकारी बाढ़ के कारण काजीरंगा नेशनल पार्क का 70% हिस्सा पानी में डूब गया है. बाढ़ के पानी में पार्क के 95 कैंप भी डूब चुके हैं. बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए वन आधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.

दुनिया भर में सबसे ज्यादा एक सींग वाले गैंडे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में रहते हैं. इसके अलावा इस पार्क में चीता और हाथी भी पाये जाते हैं.

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बाढ़ से असम को बहुत नुकसान हुआ है. पार्क के अधिकारियों ने बताया कि जानवरों को पार्क के अन्दर ही सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.

अधिकारी ने आगे बताया कि वन विभाग राष्ट्रीय मार्ग 37 पर शिकरियों के लिए पूरी तरह से सतर्क है. शिकरियों से जानवरों की सुरक्षा के लिए पार्क में आने-जाने वाहनों को पास दिया जा रहा है. और रात्रि में वन सुरक्षाकर्मी को तैनात कर दिया गया है.

पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश होने के कारण बेकी नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. बाढ़ को देखते हुए सेना, प्रशासन और एसडीआरएफ टीमों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

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इस दौरान बकसा जिले के बलीपुर चार गांव के बाढ़ में फंसे 150 ग्रामीणों को बाढ़ से निकाला गया. बचाव में 50 महिलाएं, 40 पुरुष, 25 वृद्ध नागरिक और 30 बच्चे थे.
बाढ़ से निकाले गये लोगों को ओदलगुडी में बनाये गये अस्थायी बाढ़ शिविर में पंहुचाया गया.

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Last Updated : Jul 14, 2019, 12:20 PM IST
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