नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सदन और सेंट्रल विस्टा को 2022 तक पुर्ननिर्माण परियोजना के तहत उसके सुधार और पुर्ननिर्माण को पूरा करने की बात कही है, इसके मद्देनजर आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा दिवाली से पहले सलाहकार फर्म चुन ली जाएंगी.
6 भारतीय वास्तुकला कम्पनियों के नाम इस परियोजना के लिए चल रहे हैं, जिनकी प्रस्तुति शुक्रवार को होने वाली थी.
आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसद, उत्तर और दक्षिण ब्लॉकों में सुधार कार्य और पुर्ननिर्माण का काम किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्री भवन या लोक भवन जैसी कुछ इमारतें हैं, जिनकी कोई तय विरासत नहीं हैं. उन्हें गिरा देना चाहिए.
पुरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस दौरान न तो एक भी पेड़ काटा जाएगा न ही हरियाली को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा.
यह परियोजना अपने प्रारंभिक चरण में है, विचारों का स्वागत किया जाता है और कुछ चरणों में सार्वजनिक विचारों का ध्यान रखा जाएगा.
यह परियोजना दिल्ली की विरासत को नुकसान नहीं पहुंचाएगी बल्कि इन इमारतों और शहर के विरासत मूल्य को बढ़ाएगी.
नया या पुनर्निर्मित संसद भवन जुलाई 2022 तक बनकर तैयार होगा.
पार्किंग और सार्वजनिक सुविधाओं के साथ पूरा केंद्रीय विस्टा नवम्बर, 2020 तक और आम केंद्रीय सचिवालय मार्च, 2024 तक मंत्रालय द्वारा जारी प्रस्ताव के अनुसार तैयार हो जाना चाहिए.