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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वर्ण जयंती के अवसर पर लोगो लॉन्च

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मनाने के लिए शनिवार को आधिकारिक लोगो लॉन्च किया गया. लोगो लॉन्च करते हुए डीएसटी के सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि यह डीएसटी का स्वर्ण जयंती वर्ष है. इसके लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है.

स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष
स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष
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Published : Jun 28, 2020, 5:38 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 8:24 AM IST

नई दिल्ली : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव आशुतोष शर्मा ने शनिवार को स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मनाने के लिए आधिकारिक लोगो लॉन्च किया और कहा कि यह डीएसटी का स्वर्ण जयंती वर्ष है और इसके लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है, जैसे वेबिनार के माध्यम से 15-20 व्याख्यान के साथ विशेष व्याख्यान श्रृंखला, प्रत्येक स्वायत्त संस्थान पर लघु फीचर फिल्मों का निर्माण आदि. यह कार्यक्रम पूरे वर्ष के दौरान आयोजित किए जाएंगे.

उन्होंने प्रत्येक स्वायत्त संस्थान से कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि संस्थानों को इनके माध्यम से वर्तमान सुविधाओं, अनुसंधान के क्षेत्रों व संस्थान के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करना चाहिए.

आशुतोष शर्मा ने उल्लेख किया कि नए लोगो को डीएसटी की स्टेशनरी वस्तुओं, सोशल, डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रिंट दस्तावेजों पर मुद्रित किया जाएगा.

उन्होंने स्वायत्त संस्थानों के सभी निदेशकों से आग्रह किया कि वे संस्थान में आयोजित सम्मेलनों के बैनर पर नए लोगो का उपयोग करें. उन्होंने कहा कि संस्थानों को व्याख्यान श्रृंखला को डीएसटी लोगो के साथ ब्रांड करना चाहिए. इससे डीएसटी के अस्तित्व के 50 वर्षों के बारे में जागरूकता पैदा होगी.

डीएसटी के सचिव ने कहा कि डीएसटी ने तीन कॉफी टेबल बुक, पुस्तक और डिजिटल दोनों रूपों में तैयार करने की योजना बनाई है. इनमें से एक कॉफी टेबल बुक इन 50 वर्षों में स्वायत्त संस्थानों की यात्रा, उपलब्धियों, प्रभाव और परिणाम पर समर्पित होगा.

उन्होंने कॉफी टेबल बुक के लिए स्वायत्त संस्थानों से विचार आमंत्रित किए, जिसमें डीएसटी की अब तक की यात्रा और अगले 50 वर्षों की दृष्टि की रूपरेखा हो.

शर्मा ने कहा कि जिन संस्थानों में संग्रहालयों जैसी सुविधाएं हैं, वे डिजिटल वॉकथ्रू या वर्चुअल टूर का आयोजन कर सकते हैं, यह उनके कार्यों की यथार्थ प्रस्तुति होगी. इसे समृद्ध स्रोत सामग्री के रूप में बदला जा सकता है और इस प्रकार संस्थान पूरी दुनिया तक पहुंच सकते हैं, जो वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण सीमित हो गया है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना 3 मई 1971 को हुई थी. विभाग 3 मई 2020 से 2 मई 2021 के दौरान स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मना रहा है. इसके अंतर्गत व्याख्यान श्रृंखला, पुस्तक/ पुस्तिकाओं का प्रकाशन, वृत्तचित्रों का निर्माण, सर्वे ऑफ इंडिया के विकिपीडिया पृष्ठों को अपडेट करना आदि के साथ देशभर में डीएसटी स्वायत्त संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

नई दिल्ली : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव आशुतोष शर्मा ने शनिवार को स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मनाने के लिए आधिकारिक लोगो लॉन्च किया और कहा कि यह डीएसटी का स्वर्ण जयंती वर्ष है और इसके लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है, जैसे वेबिनार के माध्यम से 15-20 व्याख्यान के साथ विशेष व्याख्यान श्रृंखला, प्रत्येक स्वायत्त संस्थान पर लघु फीचर फिल्मों का निर्माण आदि. यह कार्यक्रम पूरे वर्ष के दौरान आयोजित किए जाएंगे.

उन्होंने प्रत्येक स्वायत्त संस्थान से कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि संस्थानों को इनके माध्यम से वर्तमान सुविधाओं, अनुसंधान के क्षेत्रों व संस्थान के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करना चाहिए.

आशुतोष शर्मा ने उल्लेख किया कि नए लोगो को डीएसटी की स्टेशनरी वस्तुओं, सोशल, डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रिंट दस्तावेजों पर मुद्रित किया जाएगा.

उन्होंने स्वायत्त संस्थानों के सभी निदेशकों से आग्रह किया कि वे संस्थान में आयोजित सम्मेलनों के बैनर पर नए लोगो का उपयोग करें. उन्होंने कहा कि संस्थानों को व्याख्यान श्रृंखला को डीएसटी लोगो के साथ ब्रांड करना चाहिए. इससे डीएसटी के अस्तित्व के 50 वर्षों के बारे में जागरूकता पैदा होगी.

डीएसटी के सचिव ने कहा कि डीएसटी ने तीन कॉफी टेबल बुक, पुस्तक और डिजिटल दोनों रूपों में तैयार करने की योजना बनाई है. इनमें से एक कॉफी टेबल बुक इन 50 वर्षों में स्वायत्त संस्थानों की यात्रा, उपलब्धियों, प्रभाव और परिणाम पर समर्पित होगा.

उन्होंने कॉफी टेबल बुक के लिए स्वायत्त संस्थानों से विचार आमंत्रित किए, जिसमें डीएसटी की अब तक की यात्रा और अगले 50 वर्षों की दृष्टि की रूपरेखा हो.

शर्मा ने कहा कि जिन संस्थानों में संग्रहालयों जैसी सुविधाएं हैं, वे डिजिटल वॉकथ्रू या वर्चुअल टूर का आयोजन कर सकते हैं, यह उनके कार्यों की यथार्थ प्रस्तुति होगी. इसे समृद्ध स्रोत सामग्री के रूप में बदला जा सकता है और इस प्रकार संस्थान पूरी दुनिया तक पहुंच सकते हैं, जो वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण सीमित हो गया है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना 3 मई 1971 को हुई थी. विभाग 3 मई 2020 से 2 मई 2021 के दौरान स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मना रहा है. इसके अंतर्गत व्याख्यान श्रृंखला, पुस्तक/ पुस्तिकाओं का प्रकाशन, वृत्तचित्रों का निर्माण, सर्वे ऑफ इंडिया के विकिपीडिया पृष्ठों को अपडेट करना आदि के साथ देशभर में डीएसटी स्वायत्त संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

Last Updated : Jun 28, 2020, 8:24 AM IST
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