नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को बताया कि पिछले साल पाकिस्तानी फौजों ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 5,133 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया जिसमें 46 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई.
राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि सीमा पार से हुई संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं का भारतीय सुरक्षा बलों ने समुचित जवाब दिया है.
उन्होंने बताया कि संघर्षविराम उल्लंघन की सभी घटनाओं को पाकिस्तानी प्राधिकारियों के समक्ष, हॉटलाइन, फ्लैग मीटिंग के स्थापित तंत्र से लेकर दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच होने वाली साप्ताहिक वार्ताओं के माध्यम से समुचित स्तर पर उठाया गया है.
सिंह ने बताया कि राजनयिक स्तर पर भारत ने उच्चतम स्तर पर लगातार इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की पवित्रता बनाए रखना चाहिए.
जनवरी में 299 बार तोड़ा सीजफायर
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल 28 जनवरी तक संघर्षविराम उल्लंघन की 299 घटनाएं हुई हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से 2019 में 3,233 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया गया.
सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी के बावजूद पाकिस्तान ने बिना उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन किया और आतंकवादियों को कश्मीर में भेजने की लगातार कोशिश की.'
पढ़ें- लोकसभा में राजनाथ सिंह बोले- लोकतंत्र बनाए रखना हर किसी का कर्तव्य
अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं.