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कश्मीर घाटी में पीएसए के तहत 396 लोग हिरासत में : गृह मंत्रालय - जम्मू कश्मीर में पीएसए

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 396 लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है. पढ़ें पूरी खबर...

किशन रेड्डी
किशन रेड्डी
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Published : Mar 11, 2020, 10:41 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में 396 लोगों को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है.

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसद सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा के एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में कहा कि हिरासत में लिए गए कुल 451 में से 396 लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है.

जिन लोगों को पीएसए के तहत हिरासत या नजरबंद रखा गया है, उनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं.

सरकार ने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से पत्थरबाजों, उपद्रवियों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (सामने रहते हुए गतिविधियों को अंजाम देना), अलगाववादियों आदि सहित 7,357 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है.

कश्मीर में पीएसए के तहत मुख्यधारा के कुल आठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है.

दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर छह जनवरी को पीएसए के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद इस कड़े कानून को उपयोग तेजी से किया गया है.

गत 16 सितंबर, 2019 को सांसद और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री व उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें : लोकसभा में बोले शाह : यूपी से दिल्ली में दंगा करने आए 300 से ज्यादा लोग

उमर, महबूबा और फारूक उन दर्जनों कश्मीरी राजनेताओं में शामिल हैं, जिन्हें अनुच्छेद-370 को रद किए जाने के बाद एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में 396 लोगों को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है.

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसद सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा के एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में कहा कि हिरासत में लिए गए कुल 451 में से 396 लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है.

जिन लोगों को पीएसए के तहत हिरासत या नजरबंद रखा गया है, उनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं.

सरकार ने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से पत्थरबाजों, उपद्रवियों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (सामने रहते हुए गतिविधियों को अंजाम देना), अलगाववादियों आदि सहित 7,357 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है.

कश्मीर में पीएसए के तहत मुख्यधारा के कुल आठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है.

दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर छह जनवरी को पीएसए के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद इस कड़े कानून को उपयोग तेजी से किया गया है.

गत 16 सितंबर, 2019 को सांसद और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री व उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें : लोकसभा में बोले शाह : यूपी से दिल्ली में दंगा करने आए 300 से ज्यादा लोग

उमर, महबूबा और फारूक उन दर्जनों कश्मीरी राजनेताओं में शामिल हैं, जिन्हें अनुच्छेद-370 को रद किए जाने के बाद एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था.

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