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सरकार ने 406 करोड़ रुपये की 32 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं को दी मंजूरी

सरकार ने कहा कि उसने प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए 406 करोड़ रुपये के निवेश वाली 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

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हरसिमरत कौर आईएमएसी की बैठक नेतृत्व करते हुए
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Published : Mar 2, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 5:00 AM IST

नई दिल्ली: देश के किसानो की स्थिति को सुधारने और कृषि उत्पादों को संरक्षण और संवर्धन को ध्यान में रखकर केन्‍द्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल की अध्‍यक्षता में नई दिल्‍ली में हुई अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना(पीएमकेएसवाई) की 'यूनिट' स्‍कीम के तहत 406 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना वाली 17 राज्‍यों की कुल 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

इन परियोजनाओं को 17 राज्यों में लागू किया जायेगा और इससे 15,000 रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है.

एक सरकारी बयान में कहा गया कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति द्वारा पीएमकेएसवाई की 'इकाई' योजना के तहत इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए अंतर-मंत्रिस्तरीय स्वीकृति समिति (आईएमएसी) की बैठकें 21 और 26 फरवरी को हुईं. इसमें कहा गया है कि स्वीकृत परियोजनाएं देश के विभिन्न क्षेत्रों और 100 से अधिक कृषि जलवायु क्षेत्रों को अपने दायरे में लाती हैं.

योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण और मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण एवं विस्तार करना है ताकि प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के स्तर को बढ़ाया जा सके और बर्बादी को कम से कम किया जा सके.

मंत्रालय के अनुसार, प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं का बाजार वर्ष 2016 के 322 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020 में 543 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है.

पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन की अवधि वर्ष 2016 से 20 है और कुल परिव्यय 6,000 करोड़ रुपये का है.

इसकी सात घटक योजनाएं हैं - मेगा फूड पार्क, एकीकृत शीत श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन के लिए बुनियादी ढांचा, कृषि-प्रसंस्करण समूहों के लिए आधारभूत संरचना, फारवर्ड और बैकवर्ड लिंक का निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का निर्माण एवं विस्तार, खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना तथा मानव संसाधन एवं संस्थानों का निर्माण एवं विस्तार.

नई दिल्ली: देश के किसानो की स्थिति को सुधारने और कृषि उत्पादों को संरक्षण और संवर्धन को ध्यान में रखकर केन्‍द्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल की अध्‍यक्षता में नई दिल्‍ली में हुई अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना(पीएमकेएसवाई) की 'यूनिट' स्‍कीम के तहत 406 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना वाली 17 राज्‍यों की कुल 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

इन परियोजनाओं को 17 राज्यों में लागू किया जायेगा और इससे 15,000 रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है.

एक सरकारी बयान में कहा गया कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति द्वारा पीएमकेएसवाई की 'इकाई' योजना के तहत इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए अंतर-मंत्रिस्तरीय स्वीकृति समिति (आईएमएसी) की बैठकें 21 और 26 फरवरी को हुईं. इसमें कहा गया है कि स्वीकृत परियोजनाएं देश के विभिन्न क्षेत्रों और 100 से अधिक कृषि जलवायु क्षेत्रों को अपने दायरे में लाती हैं.

योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण और मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण एवं विस्तार करना है ताकि प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के स्तर को बढ़ाया जा सके और बर्बादी को कम से कम किया जा सके.

मंत्रालय के अनुसार, प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं का बाजार वर्ष 2016 के 322 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020 में 543 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है.

पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन की अवधि वर्ष 2016 से 20 है और कुल परिव्यय 6,000 करोड़ रुपये का है.

इसकी सात घटक योजनाएं हैं - मेगा फूड पार्क, एकीकृत शीत श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन के लिए बुनियादी ढांचा, कृषि-प्रसंस्करण समूहों के लिए आधारभूत संरचना, फारवर्ड और बैकवर्ड लिंक का निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का निर्माण एवं विस्तार, खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना तथा मानव संसाधन एवं संस्थानों का निर्माण एवं विस्तार.

Last Updated : Mar 3, 2020, 5:00 AM IST
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