नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा है कि सिख दंगों को टाला जा सकता था. डॉ सिंह ने कहा कि इंद्र कुमार गुजराल की सलाह पर अमल करते हुए, अगर नरसिम्हा राव ने कार्रवाई की होती, तो दंगों को टाला जा सकता था.
दरअसल, बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की 100वीं जयंती के मौके पर नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें डॉ मनमोहन सिंह ने कहा, 'जब 1984 की दुखद घटना हुई, उसी शाम गुजराल जी तत्कालीन गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए और कहा, हालात बेहद गंभीर हैं, सेना को जल्द से जल्द बुलाना जरूरी है.'
डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर इंद्र कुमार गुजराल की सलाह पर गंभीरता से विचार किया जाता, तो नरसंहार को टाला जा सकता था. डॉ सिंह ने पूर्व पीएम गुजराल के साथ आपातकाल के बाद अपने रिश्तों पर भी बात की.
उन्होंने कहा, वह सूचना और प्रसारण मंत्री थे और उन्हें आपातकाल के दौरान प्रबंधन के कुछ पहलुओं से समस्या थी और फिर उन्हें राज्य मंत्री के रूप में योजना आयोग में पदास्थापित कर दिया गया था. मैं तब वित्त मंत्रालय का आर्थिक सलाहकार था...इसके बाद हमारा रिश्ता बढ़ता गया.
अप्रैल 1997 और मार्च 1998 के बीच गुजराल भारत के 12 वें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने भारत के पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए पांच सिद्धांतों के 'गुजराल सिद्धांत' दिया था.
उनके सबसे प्रमुख कार्यकालों में से एक जून 1975 में सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में उनकी भूमिका शामिल है, जब भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था.
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समाचार बुलेटिन और संपादकीय को सेंसर करने से इंकार करने के बाद 1976 से 1980 तक उन्हें तत्कालीन यूएसएसआर में राजदूत बनाया दिया गया था.
30 नवंबर, 2012 को गुजराल की मृत्यु 92 वर्ष की आयु में हुई.