नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण भारत में 64 डॉक्टरों सहित 155 स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो गई है. मंत्रालय को देश भर के विभिन्न राज्यों से मृतक स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीमा के दावे प्राप्त हुए हैं.
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 8 डॉक्टरों की मौत हो गई. उसके बाद महाराष्ट्र 6, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु 5 डॉक्टरों की मौत हो गई. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय होने के नाते हताहतों के डेटाबेस का रखरखाव केंद्र द्वारा नहीं किया जा रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण बीमा पैकेज के तहत राहत चाहने वालों का डेटा राष्ट्रीय स्तर पर रखा गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएनएम 32), आशा (14) और अन्य (45) लोगों के हताहतों के बाद 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बीमा दावा प्राप्त किया है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने पहले ही कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना की घोषणा की है.
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चौबे ने बताया कि इंडिया कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रीपेयर्डनेस पैकेज के तहत 15000 करोड़ रुपये (यूएसडी 2 बिलियन) के पैकेज को कैबिनेट ने अप्रैल में मंजूरी दी थी.
चौबे ने कहा कि आपातकालीन कोविड-19 सेवा के तहत राज्यों को धन और आवश्यक वस्तुएं आवंटित की जाती हैं. राज्यों और संघशासित प्रदेशों को हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन की 9.81 करोड़ गोलियों की आपूर्ति की गई और 28,476 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए.
उन्होंने कहा कि 13 दवाओं के परीक्षण, आधुनिक चिकित्सा पद्धति और पारंपरिक ज्ञान का उपयोग कर कोविड-19 रोगियों के लिए चिकित्सीय विकल्पों का एक पोर्टफोलियो तैयार कर रहे हैं.