नई दिल्ली: हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक ने औषधि नियामक से पांच से 18 वर्ष के आयु समूह में नाक के माध्यम से लगाए जाने वाले कोविड-19 रोधी टीके के तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी है. इससे पहले भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने छह सितंबर को भारत बायोटेक को 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर नाक के माध्यम से लगाए जाने वाले 'इनकोवैक' टीके के सीमित आपातकालीन उपयोग मंजूरी दी थी. इसके साथ ही भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल हेटेरोलॉगस बूस्टर के लिए भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.
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इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि हैदराबाद में स्थित कंपनी ने अब पांच से 18 वर्ष की आयु के लोगों पर 'इनकोवैक' (बीबीवी154) के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण के अध्ययन की अनुमति मांगी है. भारत बायोटेक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि टीके का पहले, दूसरे और तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण किया जा चुका है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. बीबीवी154 टीके को नाक के माध्यम से लगाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है.
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कंपनी ने कहा था कि नाक के माध्यम से लगाया जाने वाला यह टीका ऊपरी श्वसन नलिका में स्थानीय एंटीबॉडी उत्पन्न कर सकता है. यह संक्रमण और इसके प्रसार को कम करने की क्षमता प्रदान कर सकता है. इसके विस्तृत अध्ययन की योजना बनाई जा रही है.