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मोदी सरकार की PMFBY योजना से किसानों को हुआ लाभ, खाते में आए 1.15 लाख करोड़ - फसल बीमा

किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) बहुत कारगर साबित हुई है. इससे किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका है. इसी क्रम में फसल बीमा पाठशाला का आज आयोजन किया गया, जिसमें देश के कई राज्यों के किसान वर्चुअल रूप से शामिल हुए. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट..

Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar and other
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व अन्य
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Published : Apr 27, 2022, 7:23 PM IST

नई दिल्ली : प्राकृतिक आपदा का सामना करने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) बहुत कारगर साबित हो रही है. इससे हजारों किसान प्राकृतिक आपदा में फसल नुकसान होने के बावजूद किसी गंभीर आर्थिक दबाव में आने से बच गए हैं. इसी कड़ी में देश में किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरुक करने के लिए कृषि मंत्रालय ने बुधवार को एक दिवसीय फसल बीमा पाठशाला का आयोजन किया. इसमें वर्चुअल माध्यम से देश के कई राज्यों के किसानों ने भाग लिया.

बता दें कि योजना के तहत सरकार को खरीफ-2016 से लेकर 2021 तक हर साल औसतन साढ़े पांच करोड़ किसानों के आवेदन मिले. अब तक किसानों ने लगभग 21.5 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया है. जिसके बदले उन्हें बीमा क्लेम के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है. जिससे सवा दस करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचा है. एक तरह से यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रही है. हालांकि देश में कुल किसानों की संख्या 15 करोड़ है, इसके अनुसार अभी किसानों का बड़ा तबका अभी तक फसल बीमा के लाभ से वंचित है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने आज 'किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी' अभियान में आयोजित विशेष 'फसल बीमा पाठशाला' की शुरुआत करते हुए क्लेम में किसानों को मिली रकम की जानकारी दी. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम से देशभर में लगभग एक लाख पांच हजार स्थानों पर एक करोड़ से ज्यादा किसान जुड़े. वहीं राज्यों के मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत महाराष्ट्र ने भेजे 973 करोड़ : दादा भुसे

इस अवसर पर तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में फसल बीमा व किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card) योजना का अहम योगदान है. लाभार्थी किसान दूसरे साथी किसानों को प्रेरित करें. कृषि मंत्रालय की योजनाओं के लाभों को दूत के रूप में प्रसारित करें. मंत्री ने सभी किसानों से अनुरोध किया कि आने वाले हर मौसम में फसल बीमा से जुड़े और साथी किसानों को भी इससे जोड़ें. यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान की भरपाई करते हुए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. किसान क्रेडिट कार्ड पर जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में अब तक किसानों के बीच 15 लाख करोड़ रुपये पहुंचे हैं. समय से भुगतान करने पर किसानों को केवल 4 फीसद ब्याज ही देना पड़ता है.

कृषि मंत्री ने कहा कि लाभार्थी किसानों की सफलता की कहानियां, अन्य किसानों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेंगी. उन्होंने उन सभी किसान भाई-बहनों की सराहना की जिन्होंने कोरोना महामारी के मुश्किल समय में भी कड़ी मेहनत करते हुए अनाज उगाया. तोमर ने कहा कि अब काफी संख्या में किसान फसल विविधीकरण, महंगी फसलों व क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. जिससे कृषि उपज का निर्यात बढ़कर लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

मंत्रियों ने की किसानों से बातचीत : तोमर के अलावा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे ने ओडिशा के किसान जगन्नाथ पात्रा, मध्य प्रदेश के किसान रामपूजन पटेल, कर्नाटक के किसान नागराजप्पा, महाराष्ट्र के किसान शांतनु, हिमाचल प्रदेश के किसान दाबे राम और असम के किसान गौतम दास के साथ बातचीत की. किसानों ने बताया कि उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए खेती-किसानी में काफी मदद मिल रही है. उनके खेतों में उपज की पैदावार के साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़कर दोगुना से चार गुना तक हो गई है.

नई दिल्ली : प्राकृतिक आपदा का सामना करने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) बहुत कारगर साबित हो रही है. इससे हजारों किसान प्राकृतिक आपदा में फसल नुकसान होने के बावजूद किसी गंभीर आर्थिक दबाव में आने से बच गए हैं. इसी कड़ी में देश में किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरुक करने के लिए कृषि मंत्रालय ने बुधवार को एक दिवसीय फसल बीमा पाठशाला का आयोजन किया. इसमें वर्चुअल माध्यम से देश के कई राज्यों के किसानों ने भाग लिया.

बता दें कि योजना के तहत सरकार को खरीफ-2016 से लेकर 2021 तक हर साल औसतन साढ़े पांच करोड़ किसानों के आवेदन मिले. अब तक किसानों ने लगभग 21.5 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया है. जिसके बदले उन्हें बीमा क्लेम के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है. जिससे सवा दस करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचा है. एक तरह से यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रही है. हालांकि देश में कुल किसानों की संख्या 15 करोड़ है, इसके अनुसार अभी किसानों का बड़ा तबका अभी तक फसल बीमा के लाभ से वंचित है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने आज 'किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी' अभियान में आयोजित विशेष 'फसल बीमा पाठशाला' की शुरुआत करते हुए क्लेम में किसानों को मिली रकम की जानकारी दी. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम से देशभर में लगभग एक लाख पांच हजार स्थानों पर एक करोड़ से ज्यादा किसान जुड़े. वहीं राज्यों के मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

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इस अवसर पर तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में फसल बीमा व किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card) योजना का अहम योगदान है. लाभार्थी किसान दूसरे साथी किसानों को प्रेरित करें. कृषि मंत्रालय की योजनाओं के लाभों को दूत के रूप में प्रसारित करें. मंत्री ने सभी किसानों से अनुरोध किया कि आने वाले हर मौसम में फसल बीमा से जुड़े और साथी किसानों को भी इससे जोड़ें. यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान की भरपाई करते हुए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. किसान क्रेडिट कार्ड पर जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में अब तक किसानों के बीच 15 लाख करोड़ रुपये पहुंचे हैं. समय से भुगतान करने पर किसानों को केवल 4 फीसद ब्याज ही देना पड़ता है.

कृषि मंत्री ने कहा कि लाभार्थी किसानों की सफलता की कहानियां, अन्य किसानों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेंगी. उन्होंने उन सभी किसान भाई-बहनों की सराहना की जिन्होंने कोरोना महामारी के मुश्किल समय में भी कड़ी मेहनत करते हुए अनाज उगाया. तोमर ने कहा कि अब काफी संख्या में किसान फसल विविधीकरण, महंगी फसलों व क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. जिससे कृषि उपज का निर्यात बढ़कर लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

मंत्रियों ने की किसानों से बातचीत : तोमर के अलावा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे ने ओडिशा के किसान जगन्नाथ पात्रा, मध्य प्रदेश के किसान रामपूजन पटेल, कर्नाटक के किसान नागराजप्पा, महाराष्ट्र के किसान शांतनु, हिमाचल प्रदेश के किसान दाबे राम और असम के किसान गौतम दास के साथ बातचीत की. किसानों ने बताया कि उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए खेती-किसानी में काफी मदद मिल रही है. उनके खेतों में उपज की पैदावार के साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़कर दोगुना से चार गुना तक हो गई है.

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