शहडोल : प्रधानमंत्री ने आवास योजना के तहत हर गरीब को पक्का मकान देने का वादा किया था, गरीबों ने भी पक्का मकान बनने की शुरूआत पर भारी खुशी भी जताई थी, लेकिन ये सपने अब गरीबों के लिए सपने ही बनते जा रहे हैं, क्योंकि शहडोल जिले में पीएम आवास योजना के तहत दूसरी किस्त सालों से नहीं मिली है, ऐसे में ये मकान गरीबों के सपने की तरह ही अधूरे पड़े हैं.
- अधूरे मकान की तरह सपने भी अधूरे
पीएम आवास योजना में जिस भी गरीब परिवार का नाम आता है, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है, लेकिन शहडोल नगरपालिका क्षेत्र के कई हितग्राही ऐसे हैं, जिन्हें पीएम आवास बनाने की स्वीकृति तो मिल गई, साथ ही पहली किस्त भी जारी हो गई, इसके चक्कर में हितग्राहियों ने नया घर बनाने के लिए अपना पुराना मकान भी तोड़ डाला, लेकिन अफसोस की बात ये हैं कि सालों से इन हितग्राहियों को दूसरी किस्त जारी नहीं हुई, ऐसें टूट मकान और अधूरे मकान के बीच हितग्राही बेघर हो गए हैं.
- किराए के घर में रहने को मजबूर हितग्राही
आलम ये है कि कोई सालों से किराए के मकान में रहने को मजबूर है, तो कोई बिना छत ही रहने को मजबूर, किसी का परिवार एक दो कमरे में जीवन बसर कर रहा है, तो कोई उस आधे अधूर मकान में ही पन्नी लगाकर अपने परिवार के साथ रह रहा है, इस उम्मीद के साथ कि शायद अब कहीं उनकी दूसरी किस्त आ जाए और वो अपने मकान को पूरा कर सकें. लेकिन ये सपना भी अब टूटता जा रहा है.
- ईटीवी भारत के हाथ लगे चौकाने वाले आंकड़े
जब ईटीवी भारत की टीम ने आंकड़ा निकाला, कि आखिर शहडोल नगरपालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें पीएम आवास के लिए पहली किस्त तो मिल गई, लेकिन दूसरी किस्त नहीं मिली है, तो आंकड़े चौकाने वाले मिले. 1,116 हितग्राही ऐसे हैं जिनको पहली किस्त के बाद अब तक दूसरी किस्त नहीं मिली है, मतलब एक लाख रुपए के बाद अब तक मकान की दूसरी किस्त नहीं मिली. इतना ही नहीं 837 हितग्राही ऐसे भी हैं, जिन्हें पहली और दूसरी किस्त तो मिल गई, लेकिन तीसरी किस्त का अभी भी इंतजार है, पीएम आवास के लिए 703 नए आवेदन भी आए, जिसमें 409 लोगों को ही बस स्वीकृति मिली है, पीएम आवास वाले 400 हितग्राही ऐसे भी हैं जिनका घर बनकर तैयार है.
- गरीबों के साथ ये कैसा मजाक ?
नगरपालिका उपाध्यक्ष कुलदीप निगम कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपनी बड़ी महत्वाकांक्षी योजना घोषित की है. आवास योजना जिसमें ये कहा गया कि 2021-22 तक में सभी गरीबों को आवास योजना से आवास उपलब्ध कराया जाए, जिनके मकान कच्चे बने हैं, उन्हें पक्का मकान दिया जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि पिछले दो वर्ष से किस्त एक-एक लाख रुपए की मिली है, लेकिन उसके बाद से वो किस्त नहीं मिल रही है, और उसमें जितने गरीब लोग हैं, या तो किराए के मकान में या पन्नी लगाकर रहने को मजबूर हैं.
- अधूरे मकान की संवेदनशील कहानी
सबसे संवेदनशील मामला तो पुराना वार्ड नंबर-7 का है, जब एक जवान बेटी जिसकी उम्र 18 से 19 साल थी, वो ये कहते हुए मर गई कि मम्मी मेरा पक्का मकान बन जाएगा, मैं देख तो लूंगी कि मेरा पक्का मकान बन गया, लेकिन वो मकान आज तक नहीं बना, वो लड़की इस दुनिया से चली गई. कितने गरीब लोग ऐसे हैं जो दो हजार, एक हजार रुपए किराए दे रहे हैं, इतने समय में तो वो एक लाख रुपए तक किराया दे चुके होंगे, लेकिन इन मजबूर गरीबों को दूसरी किस्त नहीं मिली. किस्त नहीं देने के बावजूद अब नगर पालिका पीएम आवास योजना के तहत नए आवेदन मंगा रही है.
- नगरपालिका सीएमओ ने दी ये दलील
शहडोल नगरपालिका सीएमओ अमित तिवारी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री आवास के लिए 70 परसेंट जियो टैगिंग होना आवश्यक होता है, यहां पर बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो प्रथम किस्त लेने के बाद से उन्होंने काम ही स्टार्ट नहीं किया, उन सभी लोगों को नोटिस भी जारी किया गया है इसके बाद भी उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा, अब ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर भी की जाएगी. इसके बाद जिन लोगों ने काम शुरू किया है, वो लेंटर तक नहीं पहुंच पाए हैं जिस कारण से 70 प्रतिशत जियो टैगिंग नहीं हुई है, इसलिए सेंकेंड किस्त का पैसा नहीं पहुंच पाया है, लेकिन जिनकी भी जियो टैगिंग पूरी हो चुकी है, उनके मकान की दूसरी किस्त कुछ ही दिनों में मिल जाएगी.