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बेलगावी महिला उत्पीड़न मामला: हाईकोर्ट ने सरकार से कहा, 'ऐसी योजना बनाएं, जिससे पूरे गांव को दंडित किया जा सके'

बेलगाम जिले के बेलगावी में महिला के साथ अमानवीय व्यवहार के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए पूरे गांव को दंडित करने और जुर्माना लगाने की बात कही है. अदालत ने कहा कि एक ऐसी योजना बनाई जाए, जिससे पूरे गांव को दंडित किया जा सके. Belagavi woman assault case, Karnataka High Court, woman assault case in Karnataka

Karnataka High Court
कर्नाटक हाई कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 18, 2023, 4:26 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 6:57 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपनी राय व्यक्त की है कि बेलगाम जिले में एक महिला के साथ मारपीट और निर्वस्त्र कर जुलूस निकालने के मामले में पूरे गांव को दंडित किया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है, क्योंकि गांव में यह अमानवीय कृत्य होने के बावजूद गांव के लोग चुप रहे और इसे रोकने का प्रयास नहीं किया.

उच्च न्यायालय ने एक ऐसी योजना तैयार करने का सुझाव दिया है, जिससे पूरे गांव के ग्रामीणों को दंडित या जुर्माना लगाया जा सके. यह राय मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने व्यक्त की. पीठ ने बेलगावी तालुक में एक महिला को निर्वस्त्र कर उसके साथ मारपीट करने के मामले के संबंध में एक स्वैच्छिक याचिका पर सुनवाई की.

पीठ ने मूकदर्शक बने ग्रामीणों से जुर्माना वसूल कर पीड़ित को देने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि अंग्रेज़ ऐसे व्यवहार के लिए एक विशेष कर लगाते थे. विलियम बेंटिक के समय में ऐसी नीति थी. अगर अब भी इसी तरह से टैक्स लगेगा तो गांव के लोगों की भी कुछ जिम्मेदारी बनेगी. जब ऐसी घटना हो रही थी तो वे चुप रहने के बजाय कार्रवाई कर सकते थे.

गौरतलब है कि बेलगावी तालुक की इस महिला का बेटा अपनी प्रेमिका के साथ भाग गया था, जिसके बाद युवती के परिजनों ने उसके साथ यह अमानवीय व्यवहार किया था. आरोपियों ने उसके घर में घुसकर तोड़फोड़ की. महिला के साथ मारपीट की और उसे निर्वस्त्र कर उसकी परेड की थी. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपनी राय व्यक्त की है कि बेलगाम जिले में एक महिला के साथ मारपीट और निर्वस्त्र कर जुलूस निकालने के मामले में पूरे गांव को दंडित किया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है, क्योंकि गांव में यह अमानवीय कृत्य होने के बावजूद गांव के लोग चुप रहे और इसे रोकने का प्रयास नहीं किया.

उच्च न्यायालय ने एक ऐसी योजना तैयार करने का सुझाव दिया है, जिससे पूरे गांव के ग्रामीणों को दंडित या जुर्माना लगाया जा सके. यह राय मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने व्यक्त की. पीठ ने बेलगावी तालुक में एक महिला को निर्वस्त्र कर उसके साथ मारपीट करने के मामले के संबंध में एक स्वैच्छिक याचिका पर सुनवाई की.

पीठ ने मूकदर्शक बने ग्रामीणों से जुर्माना वसूल कर पीड़ित को देने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि अंग्रेज़ ऐसे व्यवहार के लिए एक विशेष कर लगाते थे. विलियम बेंटिक के समय में ऐसी नीति थी. अगर अब भी इसी तरह से टैक्स लगेगा तो गांव के लोगों की भी कुछ जिम्मेदारी बनेगी. जब ऐसी घटना हो रही थी तो वे चुप रहने के बजाय कार्रवाई कर सकते थे.

गौरतलब है कि बेलगावी तालुक की इस महिला का बेटा अपनी प्रेमिका के साथ भाग गया था, जिसके बाद युवती के परिजनों ने उसके साथ यह अमानवीय व्यवहार किया था. आरोपियों ने उसके घर में घुसकर तोड़फोड़ की. महिला के साथ मारपीट की और उसे निर्वस्त्र कर उसकी परेड की थी. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

Last Updated : Dec 18, 2023, 6:57 PM IST
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