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राहुल मद्धेशिया अपहरण केस में बढ़ सकती है अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें, कोर्ट ने दिखाई सख्ती

बस्ती में व्यवसायी के बेटे के अपहरण (Rahul Madheshiya kidnapping case) के मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर कानूनी शिकंजा कस सकता है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाई है.

बस्ती
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2023, 10:39 PM IST

बस्ती : जिले के एक व्यवसायी के बेटे का 22 साल पहले अपहरण हो गया था. पुलिस ने युवक को लखनऊ में एक घर से मुक्त कराया था. यह घर तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी से जुड़े व्यक्ति का था. इस मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी समेत कुल 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. केस की सुनवाई जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है. सुनवाई के दौरान अमरमणि पेश नहीं हो रहे थे. इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक गोरखपुर से वजह पूछी थी. अदालत की ओर से मेडिकल बोर्ड गठित कर दिया गया था. पांच सदस्यीय बोर्ड ने शुक्रवार को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की. बताया कि अमरमणि डिप्रेशन में है. इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई. तर्क के आधार पर पेशी से छूट देने से इंकार कर दिया. मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को होनी है.

व्यवसायी के बेटे के अपहरण में सामने आया था नाम : बता दें कि तकरीबन 22 साल पहले व्यवसायी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल मद्धेशिया का अपहरण हो गया था. पुलिस ने राहुल को लखनऊ में एक घर से बरामद किया था. दावा किया गया कि यह घर अमरमणि त्रिपाठी से जुड़े एक व्‍यक्ति का था. घटना के बाद अमरमणि समेत 10 पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. एमपी-एमएलए कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. इस पर कोर्ट ने पेश न होने की वजह पूछी थी. 15 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीएमओ गोरखपुर की ओर से गठित पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने अदालत में रिपोर्ट पेश की.

कोर्ट ने किया मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन : न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने अमरमणि की पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अवलोकन किया. इसमें उनकी बीमारी ‘रिक्योरमेंट डिपरेसिव डिसआर्डर एलांग विद अदर मल्टीपल मेडिकल कोमोरबिडिटीज’ दर्शाया गया है. रिपोर्ट पढ़ने के बाद कोर्ट ने कहा कि मात्र डिप्रेशन के आधार पर किसी आरोपी को अदालत में आने से अवमुक्त नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी डिप्रेशन के आधार पर कितने दिन जिला कारागार में निरुद्ध रहा, और कितने दिन अस्पताल में रहा, इसकी हाजिरी रिपोर्ट अगली पेशी पर 16 अक्टूबर को पेश की जाए. इसे लेकर अमरमणि खेमे की धड़कनें बढ़ गईं हैं. अब अमरमणि को कोर्ट में हाजिर होना ही पड़ेगा.

बस्ती : जिले के एक व्यवसायी के बेटे का 22 साल पहले अपहरण हो गया था. पुलिस ने युवक को लखनऊ में एक घर से मुक्त कराया था. यह घर तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी से जुड़े व्यक्ति का था. इस मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी समेत कुल 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. केस की सुनवाई जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है. सुनवाई के दौरान अमरमणि पेश नहीं हो रहे थे. इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक गोरखपुर से वजह पूछी थी. अदालत की ओर से मेडिकल बोर्ड गठित कर दिया गया था. पांच सदस्यीय बोर्ड ने शुक्रवार को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की. बताया कि अमरमणि डिप्रेशन में है. इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई. तर्क के आधार पर पेशी से छूट देने से इंकार कर दिया. मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को होनी है.

व्यवसायी के बेटे के अपहरण में सामने आया था नाम : बता दें कि तकरीबन 22 साल पहले व्यवसायी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल मद्धेशिया का अपहरण हो गया था. पुलिस ने राहुल को लखनऊ में एक घर से बरामद किया था. दावा किया गया कि यह घर अमरमणि त्रिपाठी से जुड़े एक व्‍यक्ति का था. घटना के बाद अमरमणि समेत 10 पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. एमपी-एमएलए कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. इस पर कोर्ट ने पेश न होने की वजह पूछी थी. 15 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीएमओ गोरखपुर की ओर से गठित पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने अदालत में रिपोर्ट पेश की.

कोर्ट ने किया मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन : न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने अमरमणि की पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अवलोकन किया. इसमें उनकी बीमारी ‘रिक्योरमेंट डिपरेसिव डिसआर्डर एलांग विद अदर मल्टीपल मेडिकल कोमोरबिडिटीज’ दर्शाया गया है. रिपोर्ट पढ़ने के बाद कोर्ट ने कहा कि मात्र डिप्रेशन के आधार पर किसी आरोपी को अदालत में आने से अवमुक्त नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी डिप्रेशन के आधार पर कितने दिन जिला कारागार में निरुद्ध रहा, और कितने दिन अस्पताल में रहा, इसकी हाजिरी रिपोर्ट अगली पेशी पर 16 अक्टूबर को पेश की जाए. इसे लेकर अमरमणि खेमे की धड़कनें बढ़ गईं हैं. अब अमरमणि को कोर्ट में हाजिर होना ही पड़ेगा.

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