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NIA Action In Tiriya Naxal Encounter: तिरिया नक्सल मुठभेड़ केस में एनआईए की कार्रवाई, दो और आरोपी गिरफ्तार, अब तक कुल 6 आरोपी अरेस्ट - शहीदी दिवस

NIA Action In Tiriya Naxal Encounter तिरिया नक्सल मुठभेड़ में एनआईए ने अब तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शनिवार को एनआईए ने इस केस में दो और आरोपियों की गिरफ्तारी की है. दोनों के नाम सिरीशा और प्रभाकर है.

NIA Action In Tiriya Naxal Encounter
तिरिया नक्सल मुठभेड़ केस में एनआईए की कार्रवाई
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Published : Jul 22, 2023, 8:55 PM IST

नई दिल्ली: साल 2019 तिरिया मुठभेड़ में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की है. इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शनिवार को दोनों की गिरफ्तारी की गई है. इनमें एक महिला नक्सल सहयोगी और एक पुरुष नक्सल सहयोगी शामिल है. ये दोनों लोग सीपीआई (माओवादी) ग्रुप के शीर्ष नेताओं के संपर्क में थे.

शिकंजे में आए दोनों आरोपी देश के खिलाफ रच रहे थे साजिश: एनआईए के मुताबिक तिरिया नक्सली मुठभेड़ केस में गिरफ्तार दोनों लोग देश के खिलाफ साजिश रच रहे थे. माओवादी विचारधार को बढ़ावा देने का काम कर रहे थे. दोनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और विस्तार करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे थे. NIA अब दोनों से पूछताछ में जुट गई है.

"व्यापक जांच और तलाशी अभियान के बाद कंडुला सिरिशा उर्फ 'पद्मक्का' और डुड्डू प्रभाकर उर्फ 'अजय' को पकड़ लिया गया है. इस केस में अब तक 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें एक शख्स की पहले ही मौत हो चुकी है". -प्रवक्ता, एनआईए

आंध्र प्रदेश और ओडिशा सीमा पर दोनों थे सक्रिय: सिरीशा और प्रभाकर सीपीआई माओवादी के विभिन्न फ्रंटल संगठनों के लिए काम कर रहे थे. सीपीआई माओवादी फ्रंटल संगठन की सदस्य सिरीशा पहले सीपीआई माओवादी के सशस्त्र कैडर में टेक्निकल इंचार्ज के रूप में काम कर चुकी है. दोनों को नक्सलियों से पैसे मिलते थे. जिसका उपयोग ये लोग नक्सली विचारधारा को आगे बढ़ाने में करते थे. सिरीशा और प्रभाकर आंध्रप्रदेश और ओडिशा सीमा पर मुख्य नक्सली बेल्ड में अक्सर आते जाते रहते थे. नक्सलियों के केंद्रीय कमिटी के नेता आरके उर्फ अक्कीराजू हरगोपाल से ये मिलने जाते थे.

जगदलपुर: नक्सल प्रभावित तिरिया गांव में खुला पुलिस कैंप, ग्रामीणों में खुशी की लहर
NIA arrested two Maoists: 2019 तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामला, NIA ने दो नक्सलियों को किया गिरफ्तार
10 दिन बाद भी नहीं हुई मारे गए नक्सलियों की पहचान

क्या है तिरिया नक्सल मुठभेड़ ?: तिरिया नक्सली मुठभेड़ साल 2019 में जगदलपुर के तिरिया में हुआ था. जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुरक्षाबलों को यह लीड मिली थी कि नक्सली 28 जुलाई को शहीदी दिवस पर बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं. इस खुफिया सूचना पर सिक्योरिटी फोर्स की टीम सर्चिंग के लिए तिरिया के जंगलों के लिए रवाना हुई. इस दौरान तिरिया में पहुंचने पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को कई नक्सल दस्तावेज मिले. इसके साथ ही हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुए थे. इस मुठभेड़ के बाद 28 जुलाई 2019 को आर्म्स एक्ट के तहत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया. बाद में एनआईए ने 18 मार्च 2021 को इस केस को अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद से तिरिया नक्सल मुठभेड़ की जांच एनआईए कर रहा है.

नई दिल्ली: साल 2019 तिरिया मुठभेड़ में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की है. इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शनिवार को दोनों की गिरफ्तारी की गई है. इनमें एक महिला नक्सल सहयोगी और एक पुरुष नक्सल सहयोगी शामिल है. ये दोनों लोग सीपीआई (माओवादी) ग्रुप के शीर्ष नेताओं के संपर्क में थे.

शिकंजे में आए दोनों आरोपी देश के खिलाफ रच रहे थे साजिश: एनआईए के मुताबिक तिरिया नक्सली मुठभेड़ केस में गिरफ्तार दोनों लोग देश के खिलाफ साजिश रच रहे थे. माओवादी विचारधार को बढ़ावा देने का काम कर रहे थे. दोनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और विस्तार करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे थे. NIA अब दोनों से पूछताछ में जुट गई है.

"व्यापक जांच और तलाशी अभियान के बाद कंडुला सिरिशा उर्फ 'पद्मक्का' और डुड्डू प्रभाकर उर्फ 'अजय' को पकड़ लिया गया है. इस केस में अब तक 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें एक शख्स की पहले ही मौत हो चुकी है". -प्रवक्ता, एनआईए

आंध्र प्रदेश और ओडिशा सीमा पर दोनों थे सक्रिय: सिरीशा और प्रभाकर सीपीआई माओवादी के विभिन्न फ्रंटल संगठनों के लिए काम कर रहे थे. सीपीआई माओवादी फ्रंटल संगठन की सदस्य सिरीशा पहले सीपीआई माओवादी के सशस्त्र कैडर में टेक्निकल इंचार्ज के रूप में काम कर चुकी है. दोनों को नक्सलियों से पैसे मिलते थे. जिसका उपयोग ये लोग नक्सली विचारधारा को आगे बढ़ाने में करते थे. सिरीशा और प्रभाकर आंध्रप्रदेश और ओडिशा सीमा पर मुख्य नक्सली बेल्ड में अक्सर आते जाते रहते थे. नक्सलियों के केंद्रीय कमिटी के नेता आरके उर्फ अक्कीराजू हरगोपाल से ये मिलने जाते थे.

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10 दिन बाद भी नहीं हुई मारे गए नक्सलियों की पहचान

क्या है तिरिया नक्सल मुठभेड़ ?: तिरिया नक्सली मुठभेड़ साल 2019 में जगदलपुर के तिरिया में हुआ था. जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुरक्षाबलों को यह लीड मिली थी कि नक्सली 28 जुलाई को शहीदी दिवस पर बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं. इस खुफिया सूचना पर सिक्योरिटी फोर्स की टीम सर्चिंग के लिए तिरिया के जंगलों के लिए रवाना हुई. इस दौरान तिरिया में पहुंचने पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को कई नक्सल दस्तावेज मिले. इसके साथ ही हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुए थे. इस मुठभेड़ के बाद 28 जुलाई 2019 को आर्म्स एक्ट के तहत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया. बाद में एनआईए ने 18 मार्च 2021 को इस केस को अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद से तिरिया नक्सल मुठभेड़ की जांच एनआईए कर रहा है.

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