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बारामुला की केक गर्ल यासमीना कश्मीरी महिलाओं के लिए बनी नजीर - baramulla women news

बारामुला की लड़की यासमीना रेस्टोरेंट में हेड शेफ बनकर खुद को कमजोर समझने वाली तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बन गई है. उसने अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है और इलाके में केक गर्ल के नाम से मशहूर हो गई है.

बारामुला की लड़की यासमीना
बारामुला की लड़की यासमीना
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Published : May 12, 2022, 6:58 AM IST

बारामूला (जम्मू-कश्मीर) : बारामुला की लड़की यासमीना रेस्टोरेंट में हेड शेफ बनकर खुद को कमजोर समझने वाली तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बन गई है. उसने अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है और इलाके में केक गर्ल के नाम से मशहूर हो गई है. बता दें कि कश्मीर जहां महिलाएं अपने घर के काम काज में व्यस्त रहती है वहां बारामुला की बेटी यासमीना ने हेड शेफ बनकर कश्मीर घाटी की लड़कियों एव महिलाओं के सामने एक नजीर पेश की है.

  • जम्मू-कश्मीर: पट्टन की रहने वाली यासमीना बारामूला में बेक केक की हेड शेफ बनी।

    यासमीना ने बताया, "जब मैंने यहां काम शुरू किया था तब लोगों ने बहुत कहा कि लड़की कहां बेक का काम करने जाएगी और तब मम्मी-पापा ने कहा कि हम तुम्हारे साथ हैं तुम्हारा शौक है तो तुम ये काम करो।" (11.05) pic.twitter.com/lWyuiDoEfU

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक निजी रेस्टोरेंट में हेड शेफ का काम करने वाली यासमीना ने स्वयं को बारामूला की 'केक गर्ल' के नाम से अपनी पहचान स्थापित की है. उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन गांव की बिलाल कॉलोनी में रहने वाली यासमीना बारामूला के एक मशहूर निजी रेस्टोरेंट कम बेकरी सेंटर में काम करती हैं.जब मुझे इस आउटलेट में हेड शेफ का जॉब मिला, तो मुझे हिम्मत मिली कि मैं अपने जीवन में कुछ कर सकती हूं और स्वतंत्र हो सकती हूं.

जब मैंने काम करना शुरू किया, तो लोग बेकिंग में करियर बनाने की मेरी रूचि पर सवाल करते थे. उन्होंने मेरे माता-पिता को काफी हतोत्साहित भी किया. उन्हें यह कहकर कि मैं देर से घर आती हूं लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. उसने यह भी कहा कि वह उन लड़कियों को प्रेरित करना चाहती है जो अपने घरों में बेकार बैठी हैं. यह सोचकर कि वे कुछ नहीं कर सकतीं.

यासमीना ने कहा, "सभी लड़कियों को इस विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए कि वे बहुत कुछ कर सकती हैं और जीबन के अपने लक्ष्य हासिल कर सकती हैं. उन्हें बड़े सपने देखने चाहिए और अपने सपनों को साकार करने का साहस रखना चाहिए. रेस्टोरेंट के मालिक मुदासिर नजीर ने कहा कि इस सेंटर में पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों की संख्या बराबर है.यहाँ मुख्य रसोइया एक महिला है. वह समय चला गया है जब केवल पुरुष ही ये काम कर सकते थे.

यह भी पढ़ें-पहली कश्मीर की महिला डिप्टी अकाउंटेंट जनरल बनीं, देखें साक्षात्कार

एएनआई

बारामूला (जम्मू-कश्मीर) : बारामुला की लड़की यासमीना रेस्टोरेंट में हेड शेफ बनकर खुद को कमजोर समझने वाली तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बन गई है. उसने अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है और इलाके में केक गर्ल के नाम से मशहूर हो गई है. बता दें कि कश्मीर जहां महिलाएं अपने घर के काम काज में व्यस्त रहती है वहां बारामुला की बेटी यासमीना ने हेड शेफ बनकर कश्मीर घाटी की लड़कियों एव महिलाओं के सामने एक नजीर पेश की है.

  • जम्मू-कश्मीर: पट्टन की रहने वाली यासमीना बारामूला में बेक केक की हेड शेफ बनी।

    यासमीना ने बताया, "जब मैंने यहां काम शुरू किया था तब लोगों ने बहुत कहा कि लड़की कहां बेक का काम करने जाएगी और तब मम्मी-पापा ने कहा कि हम तुम्हारे साथ हैं तुम्हारा शौक है तो तुम ये काम करो।" (11.05) pic.twitter.com/lWyuiDoEfU

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक निजी रेस्टोरेंट में हेड शेफ का काम करने वाली यासमीना ने स्वयं को बारामूला की 'केक गर्ल' के नाम से अपनी पहचान स्थापित की है. उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन गांव की बिलाल कॉलोनी में रहने वाली यासमीना बारामूला के एक मशहूर निजी रेस्टोरेंट कम बेकरी सेंटर में काम करती हैं.जब मुझे इस आउटलेट में हेड शेफ का जॉब मिला, तो मुझे हिम्मत मिली कि मैं अपने जीवन में कुछ कर सकती हूं और स्वतंत्र हो सकती हूं.

जब मैंने काम करना शुरू किया, तो लोग बेकिंग में करियर बनाने की मेरी रूचि पर सवाल करते थे. उन्होंने मेरे माता-पिता को काफी हतोत्साहित भी किया. उन्हें यह कहकर कि मैं देर से घर आती हूं लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. उसने यह भी कहा कि वह उन लड़कियों को प्रेरित करना चाहती है जो अपने घरों में बेकार बैठी हैं. यह सोचकर कि वे कुछ नहीं कर सकतीं.

यासमीना ने कहा, "सभी लड़कियों को इस विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए कि वे बहुत कुछ कर सकती हैं और जीबन के अपने लक्ष्य हासिल कर सकती हैं. उन्हें बड़े सपने देखने चाहिए और अपने सपनों को साकार करने का साहस रखना चाहिए. रेस्टोरेंट के मालिक मुदासिर नजीर ने कहा कि इस सेंटर में पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों की संख्या बराबर है.यहाँ मुख्य रसोइया एक महिला है. वह समय चला गया है जब केवल पुरुष ही ये काम कर सकते थे.

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