ETV Bharat / bharat

PFI का गढ़ बन रहा बनारस, सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हुईं

आजमगढ़ के बाद वाराणसी पीएफआई का गढ़ बन रहा है. बीते एक साल में एटीएस की छापेमारी शहर में बढ़ी है. पीएफआई तेजी से अपना जाल फैला रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv bharat
Etv bharat
author img

By

Published : May 18, 2023, 5:20 PM IST

Updated : May 18, 2023, 8:44 PM IST

वाराणसीः एक समय था जब एटीएस की छापेमारी की सूचनाएं आजमगढ़ से आती थीं, लेकिन पिछले एक साल की बात करें तो एटीएस लगातार बनारस में छापेमारी करती आ रही है. एटीएस के रडार पर पीएफआई के सदस्य हैं जो चोरी छिपे अभी भी देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. पीएफआई के सदस्य प्रदेश के कई शहरों में अपना जाल फैला रहे हैं. पिछले दिनों यूपी के कई शहरों में छापेमारी हुई, जिसमें बनारस से चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि दो की गिरफ्तारी की गई.

Etv bharat
अभी तक दो से अधिक गिरफ्तारी हो चुकीं.
काशी में बढ़ीं पीएफआई की गतिविधियां.

एटीएस के साथ-साथ अब बनारस कमिश्नरेट पुलिस भी इस मामले में सतर्क हो गयी है. पुलिस संवेदनशील इलाके जैसे आदमपुर, लोहता, जैतपुरा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर नजर रख रही है. सवाल यह है कि क्या बनारस को पीएफआई नया केंद्र बना रहा है, यदि हां तो बनारस से इस संगठन को कैसे मजबूती मिल रही है. आदमपुर से पीएफआई के सक्रिय सदस्य परवेज अहमद और रईस अहमद की गिरफ्तारी के बाद ये सवाल और जरूरी हो गया.बता दें कि एटीएस ने सितंबर 2022 में आदमपुर और जैतपुरा से रिजवान और शाहिद को गिरफ्तार किया था. वहीं लोहता से पीएफआई के सक्रिय सदस्य अब्दुल सऊद अंसारी को गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि इन सभी गिरफ्तार लोगों के संपर्क में वाराणसी के कई युवा हैं, जो वाराणसी में ही पीएफआई का मूवमेंट बढ़ा रहे हैं. इनका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को संगठन में शामिल करना है. इसके बाद शहर की शांति व्यवस्था को बिगाड़ना है.

Etv bharat
काशी में पीएफआई की गतिविधियां बढ़ीं.

व्यवसाय के साथ-साथ लोगों को संगठन से जोड़ते थे
आपको जानकर हैरानी होगी कि गिरफ्तार हुए परवेज अहमद और रईस अहमद पावरलूम का काम करते हैं. आदमपुर में बुनकरी के काम के पीछे छित्तनपुरा के ये दोनों आरोपी जिले में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की विचारधारा को तेजी से फैला रहे थे. जांच में ये भी पता चला है कि इस दौरान इन दोनों आरोपियों के संपर्क में बहुत से लोग आए थे. माना जा रहा है कि कई युवाओं को संगठन से जोड़ने के बाद इन्होंने अपराध के लिए तैयार भी कर लिया होगा. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनके साथियों के सक्रिय होने की आशंका भी है.

Etv bharat
गरीब तबके के युवाओं को किया जा रहा टारगेट.

इन इलाकों में पीएफआई के सदस्य हैं एक्टिव
वाराणसी में पीएफआई के सदस्यों की लगातार पकड़ के बाद यहां की पुलिस भी एक्टिव हो गई है. भेलूपुर थाना के बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, गौरीगंज और शिवाला इलाके में पुलिस ने जांच बढ़ा दी है. इसके साथ ही लोहता, बड़ी बाजार, आदमपुर में भी पीएफआई से जुड़े सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है. इससे जुड़े अन्य लोगों की जानकारी मिलते ही उनकी तेजी से तलाश की जा रही है. वाराणसी पुलिस ने अभी तक इस संबंध में नई गिरफ्तारी नहीं की है. कमिश्नरेट पुलिस की तमाम एजेंसियां भी सक्रिय हैं.

Etv bharat
जांच में जुटी हुईं हैं सुरक्षा एजेंसियां.



शहर की सरकार में शामिल होना था मकसद
पुलिस की गिरफ्त में आए पीएफआई के सदस्य खतरनाक मंसूबों वाले रहे हैं. लोहता के अलावल से गिरफ्तार अब्दुल्ला सऊद अंसारी सबसे अधिक सक्रिय था. वह कंप्यूटर का अच्छा जानकार है और हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ले चुका है. वह पॉलिटिकल विंग और सोशल डेमोक्रेटिक से भी जुड़ा था. लोहता से पार्षद के लिए तैयारी भी कर रहा था. वहीं, इनका इरादा किसी प्रत्याशी को समर्थन देकर शहर की सरकार में शामिल होना था. अपने मकसद को पूरा करने के लिए घनी आबादी के इलाके आदमपुर, बजरडीहा व लोहता में अपली सक्रियता को बढ़ाना था.



कई लोगों को किया गया चिन्हित
एटीएस प्रभारी विपिन राय ने इस मामले में बताया कि आदमपुर से पकड़े गए पीएफआई के सदस्यों के संपर्क में और भी लोग होंगे. पूछताछ के बाद ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा. अगर उनका मूवमेंट संदिग्ध मिलता है तो उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी. बता दें कि काशी में पीएफआई की जड़ें खोदने के बाद बहुत से खुलासे हो रहे हैं. अभी पता चला है कि पीएफआई के सदस्य निकाय चुनाव में हिस्सा लेकर शहर की सरकार में शामिल होना चाहते थे, जिससे कि बड़ी आबादी में ये शामिल हो सकें.इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उत्पल पाठक ने बताया कि साल 2020 से अगर हम देखें तो सीएए का प्रदर्शन और कोविड का दौर रहा है. वाराणसी के दो थाने लोहता और आदमपुर थाना क्षेत्र इन दोनों जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों की मूवमेंट देखी गई. वाराणसी पहले से ही सेंसिटिव रहा है. इसने पहले ही कई आतंकवादी हमले झेले हैं. वाराणसी में ऐसे संगठनों को छिपने के लिए जमीन मिल जाती है क्योंकि यहां की पॉपुलेशन ज्यादा है. एनआईए के अलावा कई एजेंसियों की दबिश यहां पर बढ़ गई है. वाराणसी में पीएफआई और एजेंसियों की चहलकदमी देखी जा रही है.ये भी पढ़ेंः सीएम योगी

ये भी पढ़ें: आदित्यनाथ का ऐलान, प्रदेश में लागू होगा अन्नपूर्णा मॉडल

वाराणसीः एक समय था जब एटीएस की छापेमारी की सूचनाएं आजमगढ़ से आती थीं, लेकिन पिछले एक साल की बात करें तो एटीएस लगातार बनारस में छापेमारी करती आ रही है. एटीएस के रडार पर पीएफआई के सदस्य हैं जो चोरी छिपे अभी भी देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. पीएफआई के सदस्य प्रदेश के कई शहरों में अपना जाल फैला रहे हैं. पिछले दिनों यूपी के कई शहरों में छापेमारी हुई, जिसमें बनारस से चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि दो की गिरफ्तारी की गई.

Etv bharat
अभी तक दो से अधिक गिरफ्तारी हो चुकीं.
काशी में बढ़ीं पीएफआई की गतिविधियां.

एटीएस के साथ-साथ अब बनारस कमिश्नरेट पुलिस भी इस मामले में सतर्क हो गयी है. पुलिस संवेदनशील इलाके जैसे आदमपुर, लोहता, जैतपुरा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर नजर रख रही है. सवाल यह है कि क्या बनारस को पीएफआई नया केंद्र बना रहा है, यदि हां तो बनारस से इस संगठन को कैसे मजबूती मिल रही है. आदमपुर से पीएफआई के सक्रिय सदस्य परवेज अहमद और रईस अहमद की गिरफ्तारी के बाद ये सवाल और जरूरी हो गया.बता दें कि एटीएस ने सितंबर 2022 में आदमपुर और जैतपुरा से रिजवान और शाहिद को गिरफ्तार किया था. वहीं लोहता से पीएफआई के सक्रिय सदस्य अब्दुल सऊद अंसारी को गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि इन सभी गिरफ्तार लोगों के संपर्क में वाराणसी के कई युवा हैं, जो वाराणसी में ही पीएफआई का मूवमेंट बढ़ा रहे हैं. इनका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को संगठन में शामिल करना है. इसके बाद शहर की शांति व्यवस्था को बिगाड़ना है.

Etv bharat
काशी में पीएफआई की गतिविधियां बढ़ीं.

व्यवसाय के साथ-साथ लोगों को संगठन से जोड़ते थे
आपको जानकर हैरानी होगी कि गिरफ्तार हुए परवेज अहमद और रईस अहमद पावरलूम का काम करते हैं. आदमपुर में बुनकरी के काम के पीछे छित्तनपुरा के ये दोनों आरोपी जिले में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की विचारधारा को तेजी से फैला रहे थे. जांच में ये भी पता चला है कि इस दौरान इन दोनों आरोपियों के संपर्क में बहुत से लोग आए थे. माना जा रहा है कि कई युवाओं को संगठन से जोड़ने के बाद इन्होंने अपराध के लिए तैयार भी कर लिया होगा. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनके साथियों के सक्रिय होने की आशंका भी है.

Etv bharat
गरीब तबके के युवाओं को किया जा रहा टारगेट.

इन इलाकों में पीएफआई के सदस्य हैं एक्टिव
वाराणसी में पीएफआई के सदस्यों की लगातार पकड़ के बाद यहां की पुलिस भी एक्टिव हो गई है. भेलूपुर थाना के बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, गौरीगंज और शिवाला इलाके में पुलिस ने जांच बढ़ा दी है. इसके साथ ही लोहता, बड़ी बाजार, आदमपुर में भी पीएफआई से जुड़े सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है. इससे जुड़े अन्य लोगों की जानकारी मिलते ही उनकी तेजी से तलाश की जा रही है. वाराणसी पुलिस ने अभी तक इस संबंध में नई गिरफ्तारी नहीं की है. कमिश्नरेट पुलिस की तमाम एजेंसियां भी सक्रिय हैं.

Etv bharat
जांच में जुटी हुईं हैं सुरक्षा एजेंसियां.



शहर की सरकार में शामिल होना था मकसद
पुलिस की गिरफ्त में आए पीएफआई के सदस्य खतरनाक मंसूबों वाले रहे हैं. लोहता के अलावल से गिरफ्तार अब्दुल्ला सऊद अंसारी सबसे अधिक सक्रिय था. वह कंप्यूटर का अच्छा जानकार है और हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ले चुका है. वह पॉलिटिकल विंग और सोशल डेमोक्रेटिक से भी जुड़ा था. लोहता से पार्षद के लिए तैयारी भी कर रहा था. वहीं, इनका इरादा किसी प्रत्याशी को समर्थन देकर शहर की सरकार में शामिल होना था. अपने मकसद को पूरा करने के लिए घनी आबादी के इलाके आदमपुर, बजरडीहा व लोहता में अपली सक्रियता को बढ़ाना था.



कई लोगों को किया गया चिन्हित
एटीएस प्रभारी विपिन राय ने इस मामले में बताया कि आदमपुर से पकड़े गए पीएफआई के सदस्यों के संपर्क में और भी लोग होंगे. पूछताछ के बाद ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा. अगर उनका मूवमेंट संदिग्ध मिलता है तो उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी. बता दें कि काशी में पीएफआई की जड़ें खोदने के बाद बहुत से खुलासे हो रहे हैं. अभी पता चला है कि पीएफआई के सदस्य निकाय चुनाव में हिस्सा लेकर शहर की सरकार में शामिल होना चाहते थे, जिससे कि बड़ी आबादी में ये शामिल हो सकें.इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उत्पल पाठक ने बताया कि साल 2020 से अगर हम देखें तो सीएए का प्रदर्शन और कोविड का दौर रहा है. वाराणसी के दो थाने लोहता और आदमपुर थाना क्षेत्र इन दोनों जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों की मूवमेंट देखी गई. वाराणसी पहले से ही सेंसिटिव रहा है. इसने पहले ही कई आतंकवादी हमले झेले हैं. वाराणसी में ऐसे संगठनों को छिपने के लिए जमीन मिल जाती है क्योंकि यहां की पॉपुलेशन ज्यादा है. एनआईए के अलावा कई एजेंसियों की दबिश यहां पर बढ़ गई है. वाराणसी में पीएफआई और एजेंसियों की चहलकदमी देखी जा रही है.ये भी पढ़ेंः सीएम योगी

ये भी पढ़ें: आदित्यनाथ का ऐलान, प्रदेश में लागू होगा अन्नपूर्णा मॉडल

Last Updated : May 18, 2023, 8:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.