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वायुसेना की ताकत का उदाहरण था बालाकोट ऑपरेशन : एयर चीफ मार्शल - वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि बालाकोट जैसे अभियानों ने यह भी प्रदर्शित किया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के मद्देनजर हवाई शक्ति को परमाणु खतरे के बीच और पूर्ण युद्ध की स्थिति में जाए बिना प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.

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Published : Apr 18, 2023, 7:24 PM IST

Updated : Apr 18, 2023, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को भारत की हवाई शक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि 2019 के बालाकोट अभियान ने 'परमाणु खतरे के बीच' अपनी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया. चौधरी ने कहा कि अंतर्निहित लचीलेपन और बेजोड़ सटीक मारक क्षमता के कारण हवाई शक्ति पसंद का विकल्प बन गई है. उन्होंने कहा, 'बालाकोट जैसे अभियानों ने यह भी प्रदर्शित किया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के मद्देनजर हवाई शक्ति को परमाणु खतरे के बीच और पूर्ण युद्ध की स्थिति में जाए बिना प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.'

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, 'यह हमारे विरोधियों की प्रकृति को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है. नेतृत्व के लिए उपलब्ध प्रतिक्रिया विकल्प अचानक बढ़ गए हैं और तेजी से, हवाई शक्ति अंतर्निहित लचीलेपन तथा बेजोड़ सटीक हमले की क्षमता के कारण पसंद का विकल्प बन गई है.' वह 'वायु अंतरिक्ष शक्ति: भविष्य के अंतरिक्ष युद्ध अभियान की धुरी’ पर आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. भारत के युद्धक विमानों ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी.

पढ़ें : Balakot Air Strike Anniversary: पाकिस्तान पर युद्ध थोपा गया तो सेना दुश्मन को देगी मुंहतोड़ जवाब - शहबाज शरीफ

पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. चौधरी ने कहा, 'भारत की सुरक्षा चिंताओं के लिए यह आवश्यक है कि पर्याप्त सैन्य शक्ति स्थापित की जाए, जिसमें प्रतिरोध हासिल करने की क्षमता हो, सूचना का प्रभुत्व सुनिश्चित हो, जरूरत पड़ने पर कई प्रतिक्रिया विकल्प उपलब्ध हों.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को भारत की हवाई शक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि 2019 के बालाकोट अभियान ने 'परमाणु खतरे के बीच' अपनी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया. चौधरी ने कहा कि अंतर्निहित लचीलेपन और बेजोड़ सटीक मारक क्षमता के कारण हवाई शक्ति पसंद का विकल्प बन गई है. उन्होंने कहा, 'बालाकोट जैसे अभियानों ने यह भी प्रदर्शित किया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के मद्देनजर हवाई शक्ति को परमाणु खतरे के बीच और पूर्ण युद्ध की स्थिति में जाए बिना प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.'

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, 'यह हमारे विरोधियों की प्रकृति को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है. नेतृत्व के लिए उपलब्ध प्रतिक्रिया विकल्प अचानक बढ़ गए हैं और तेजी से, हवाई शक्ति अंतर्निहित लचीलेपन तथा बेजोड़ सटीक हमले की क्षमता के कारण पसंद का विकल्प बन गई है.' वह 'वायु अंतरिक्ष शक्ति: भविष्य के अंतरिक्ष युद्ध अभियान की धुरी’ पर आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. भारत के युद्धक विमानों ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी.

पढ़ें : Balakot Air Strike Anniversary: पाकिस्तान पर युद्ध थोपा गया तो सेना दुश्मन को देगी मुंहतोड़ जवाब - शहबाज शरीफ

पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. चौधरी ने कहा, 'भारत की सुरक्षा चिंताओं के लिए यह आवश्यक है कि पर्याप्त सैन्य शक्ति स्थापित की जाए, जिसमें प्रतिरोध हासिल करने की क्षमता हो, सूचना का प्रभुत्व सुनिश्चित हो, जरूरत पड़ने पर कई प्रतिक्रिया विकल्प उपलब्ध हों.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 18, 2023, 8:21 PM IST
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