चंडीगढ़: एक जनवरी से कनाडा में विदेशियों के जमीन खरीदने पर रोक लगा दी गई है. ट्रूडो सरकार के इस फैसले को पंजाबियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि कनाडा में बड़ी संख्या में पंजाबी रह रहे हैं. हालांकि, यह कानून सिर्फ 2 साल के लिए लागू किया गया है, जिसके बाद घर खरीदने पर लगी रोक को हटाया जा सकता है. साथ ही यह नियम सिर्फ शहरी इलाकों के लिए ही लागू होगा. कनाडा के नागरिक और पीआर केवल आवासीय संपत्तियां ही खरीद सकेंगे.
इस अधिनियम को पीआरपीएनसी अधिनियम नाम दिया गया था. इस कानून के लागू होने से कई तरह की शंकाएं और सवाल उठे हैं. खासकर पंजाबियों की चिंता बढ़ गई है. सवाल यह उठता है कि आखिर यह कानून क्या है और इसका पंजाबियों पर क्या असर पड़ेगा. इसको लेकर कनाडा के रियल एस्टेट ब्रोकर मेजर नागरा से ईटीवी भारत ने बातचीत की. हमने उनसे पूछा कि इस कानून को बनाने के क्या कारण हैं?
कानून के बारे में विस्तार से बोलते हुए, मेजर नागरा ने कहा कि गैर-कनाडाई लोगों द्वारा आवासीय संपत्ति की खरीद पर परिवीक्षा उन लोगों के लिए है जो गैर-कनाडाई लोगों द्वारा संपत्ति की खरीद पर रोक लगाते हैं. यह एक्ट 2 साल के लिए लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि इस कानून को बनाने का मुख्य मकसद कनाडा के नागरिकों के लिए किफायती आवास बनाना है, क्योंकि कनाडा में पिछले कई सालों से हाउसिंग की समस्या बहुत ज्यादा है. इसी समस्या के समाधान के लिए यह कानून बनाया गया है.
आगे उन्होंने बताया कि इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों से कम बैंक ब्याज दरों के कारण मकानों की कीमतों में उछाल आया था. यह बढ़ोतरी कोविड काल में भी देखी गई थी. सरकार और एजेंसियों ने इस कानून पर चर्चा की और यह कानून लाया. मेजर नागरा ने कहा कि इस कानून के तहत सिंगल, अटैच, डिटैच और सेमी टाउन, जिन घरों में 3 कमरे हैं उन्हें खरीदा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कानून में छूट दी है कि मल्टी बिल्डिंग या अपार्टमेंट में बने घर गैर-कनाडाई खरीद सकते हैं.
यह कानून कनाडा के सभी प्रांतों में लागू होगा. इस कानून के तहत कॉरपोरेट कंपनियों पर भी नजर रखी जाएगी और देखा जाएगा कि कंपनियों में कनाडा के कितने लोग शामिल हैं. कनाडा के रहने वाले सरदूल सिंह थियारा का कहना है कि इस कानून का पंजाबी समुदाय पर ज्यादा असर नहीं होगा. यह केवल कनाडा के अस्थायी निवासियों और आवासीय संपत्ति खरीदने वालों के लिए है. व्यावसायिक जमीन हो या गैर व्यावसायिक आज भी खरीदी जा सकती है. दूसरा किराये का मकान लेने की सुविधा अभी भी बरकरार है. जिन लोगों के पास शरणार्थी का दर्जा और पीआर है, वे आवासीय संपत्ति खरीद सकते हैं. पीआर मिलने पर पंजाबी छात्र भी घर खरीद सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि कनाडा में चीन और कोरिया के अमीर लोग नंबर 2 की संपत्ति को नंबर 1 में बदलने के लिए बड़ी संपत्तियां खरीदकर अपनी दरें बहुत अधिक रखते हैं. यह कानून ज्यादातर उन लोगों पर नकेल कसने के लिए लाया गया है. 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा में 9,50,000 पंजाबी रहते हैं, जो जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत है. जिसे छोटा आंकड़ा नहीं माना जा सकता है. जाहिर है कि इस कानून के बाद पंजाबी समुदाय की चिंताएं बढ़ गई होंगी. बड़ी संख्या में पंजाबी छात्र प्रतिदिन कनाडा जा रहे हैं.