अयोध्या: रामनगरी में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है. ऐसे में नित्य नए कार्यक्रम रामनगरी में आस्था और आध्यात्मिक की गंगा बहा रहे हैं. ऐसे ही एक आध्यात्मिक आयोजन की शुरुआत मंगलवार शाम अयोध्या में हुई. इसमें उत्तराखंड से आए एक रामलीला दल ने रामलीला मंचन की शुरुआत की.
इस रामलीला दल की खास बात यह है कि दल के आधे से अधिक कलाकार उम्रदराज हैं. 45 साल से ज्यादा के हैं. एक माताजी तो 80 साल की हैं और सुमंत की भूमिका निभाती हैं. इस रामलीला में हनुमान 57 साल के तो रावण 65 साल के हैं. 12 दिन के कार्यक्रम के आज पहले दिन तुलसी स्मारक में राम जन्म से लेकर ताड़का वध तक लीला हुई. रोजाना शाम 5 बजे से 8 बजे तक रामलीला होगी. आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने औपचारिक रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
उत्तराखंड की महानंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति की करीब 300 महिलाओं का जत्था इस समय अयोध्या आया हुआ है. बता दें कि समिति की महिलाएं इससे पहले 13 बार रामलीला का मंचन कर चुकी हैं. कई नए कलाकार शामिल हुए हैं. तर्क यह है कि राम की नगरी में लीला के मंचन का मंगल अवसर पुरानी टीम को ही मिलना चाहिए. इसलिए, वे फिर मैदान में आ गईं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं शुरुआती टीम की हैं और 45 से ऊपर हैं. अध्यापिका पुष्पा सेवानिवृत्त गुड्डी देवी, सुशीला मेवाड़, संयोजक लक्ष्मी शाह, नीला संगेला जोशी, मुन्नी बिष्ट, रुचि दुबे, कमला बिष्ट, दीप्ति शाह आदि शामिल हैं.
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