पानीपत: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या का हरियाणा कनेक्शन सामने आया है. जिन तीन शूटरों ने दोनों भाईयों की हत्या की है. उनमें से एक का संबंध हरियाणा के पानीपत जिले से है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शूटर अरुण मौर्या का जन्म पानीपत में हुआ था. दरअसल अरुण के पिता उत्तर प्रदेश के कादर वाड़ी गांव के रहने वाले हैं. रोजगार की तलाश में वो पानीपत आ गए.
यहां फिर वो अपनी पत्नी के साथ विकास नगर पानीपत में रहने लगे. शुरुआत में में अरुण के पिता ने पानीपत में मजदूरी की. मजदूरी से जब घर का खर्च नहीं चला तो अरुण मौर्या के पिता दीपक कुमार ने ऑटो चलाने का फैसला किया. परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए अरुण के पिता दीपक कुमार ने ऑटो चलाने का फैसला किया. कई साल उन्होंने ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण किया. कुछ साल ऑटो चलाने के बाद उनके ऑटो का एक्सीटेंड हो गया.
गनीमत रही कि एक्सीडेंट में अरुण का पिता बाल-बाल बच गया. इसके बाद अरुण के पिता ने पानीपत में ही गोलगप्पे की ठेली लगाना शुरू कर दिया. अरुण का जन्म पानीपत में हुआ. वो कई सालों तक पानीपत में ही परिवार के साथ रहा. अब से करीब 6 महीने पहले उसका पानीपत में किसी के साथ झगड़ा हो गया था. जिसके बाद वो परिवार को छोड़कर उत्तर प्रदेश चला गया और वहां चाचा चाची के साथ रहने लगा. इसके बाद अरुण वापस पानीपत आ गया. बुधवार 12 अप्रैल को अरुण घर वालों से ये कहकर घर से निकला था कि वो दिल्ली किसी शादी में जा रहा है.
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अरुण उर्फ कालिया के दो छोटे भाई भी हैं. जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं. ये दोनों फरीदाबाद में रहकर कबाड़ बेचने-खरीदने का काम करते हैं. अरुण मौर्या की चाची लक्ष्मी देवी और चाचा उत्तर प्रदेश के कादर वाड़ी गांव में ही रहते हैं. अरुण के चाचा सुनील मोर्या ने कहा कि उनको इस बारे में पता तक नहीं था. ना ही उन्हें ये पता कि अरुण ने ये कदम क्यों उठाया. कभी अरुण से ऐसी कोई बात नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि अवैध अरुण के ऊपर पानीपत में अवैध हथियार और मारपीट के मामले दर्ज हैं.