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शिवसेना के बागी समूह को मान्यता देकर मानकों का उल्लंघन किया: राउत

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Published : Jul 24, 2022, 4:57 PM IST

शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena leader sanjay raut) ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बचाने की कोशिश कर रही है.

Raut
शिवसेना सांसद संजय राउत

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष और लोकसभा अध्यक्ष ने शिवसेना के बागी विधायकों और सांसदों के समूह को मान्यता देकर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है. राउत ने कहा कि यह कार्रवाई एक मंदिर के पुजारी द्वारा दान पेटी को लूटने और मंदिर के न्यासियों द्वारा इसके गुंबद को काटने के समान है. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ में दावा किया कि देश में लोकतंत्र के मंदिरों में भी ऐसी ही चीजें हो रही हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बचाने की कोशिश कर रही है, ताकि शिवसेना को खत्म किया जा सके. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार पिछले महीने शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के साथ 39 अन्य विधायकों के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद गिर गई थी. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 शिंदे खेमे को समर्थन दे रहे हैं. मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के निचले सदन में राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दी है. राउत ने लेख में दावा किया कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया और लोकसभा में भी तस्वीर इससे अलग नहीं थी. 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि बागी विधायक और सांसद अब केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच से मुक्त हैं.

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पार्टी सांसद विनायक राउत के पत्र का संज्ञान लिए बिना शिवसेना सांसदों के समूह को मान्यता दे दी. विनायक राउत ने सोमवार रात लोकसभा अध्यक्ष को सौंपे अपने पत्र में कहा था कि वह शिवसेना संसदीय दल के 'विधिवत नियुक्त' नेता हैं और राजन विचारे मुख्य सचेतक हैं.

पढ़ें- चुनाव चिन्ह व पार्टी को लेकर लड़ाई के लिए तैयार: संजय राउत

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष और लोकसभा अध्यक्ष ने शिवसेना के बागी विधायकों और सांसदों के समूह को मान्यता देकर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है. राउत ने कहा कि यह कार्रवाई एक मंदिर के पुजारी द्वारा दान पेटी को लूटने और मंदिर के न्यासियों द्वारा इसके गुंबद को काटने के समान है. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ में दावा किया कि देश में लोकतंत्र के मंदिरों में भी ऐसी ही चीजें हो रही हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बचाने की कोशिश कर रही है, ताकि शिवसेना को खत्म किया जा सके. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार पिछले महीने शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के साथ 39 अन्य विधायकों के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद गिर गई थी. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 शिंदे खेमे को समर्थन दे रहे हैं. मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के निचले सदन में राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दी है. राउत ने लेख में दावा किया कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया और लोकसभा में भी तस्वीर इससे अलग नहीं थी. 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि बागी विधायक और सांसद अब केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच से मुक्त हैं.

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पार्टी सांसद विनायक राउत के पत्र का संज्ञान लिए बिना शिवसेना सांसदों के समूह को मान्यता दे दी. विनायक राउत ने सोमवार रात लोकसभा अध्यक्ष को सौंपे अपने पत्र में कहा था कि वह शिवसेना संसदीय दल के 'विधिवत नियुक्त' नेता हैं और राजन विचारे मुख्य सचेतक हैं.

पढ़ें- चुनाव चिन्ह व पार्टी को लेकर लड़ाई के लिए तैयार: संजय राउत

(पीटीआई-भाषा)

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