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असम के मंत्री ने उल्फा प्रमुख से माफी मांगी, सीएम ने थमाया नोटिस

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Published : May 28, 2022, 5:23 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किशन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किशन को उल्फा (निर्दलीय) प्रमुख परेश बरुआ उर्फ ​​परेश असम से माफी मांगने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

सूत्रों ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्री संजय किशन को कारण बताओ नोटिस भेजा है. मुख्यमंत्री उन परिस्थितियों को जानना चाहते हैं जिनके कारण एक मंत्री ने एक बागी नेता से माफी मांगी. किशन द्वारा उल्फा गुट प्रमुख से माफी मांगने के करीब दो हफ्ते बाद कारण बताओ नोटिस आया है. संजय किशन ने हाल ही में उल्फा शिविरों में असम पुलिस के कुछ जासूसों को फांसी दिए जाने के मुद्दे पर विद्रोही नेता की आलोचना की थी.

किशन ने मीडिया से बात करते हुए बरुआ को कैमरे पर झूठा भी करार दिया था. बयानों के बाद उल्फा गुट ने मंत्री पर कई प्रतिबंध लगाए और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की धमकी दी. उल्फा के फरमान के एक दिन बाद संजय किशन ने मीडिया को बताया कि उनका इरादा बरुआ को चोट पहुंचाने का नहीं था और उन्होंने जो कहा था वह उनका मतलब नहीं था. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि मंत्री द्वारा एक विद्रोही नेता को माफी मांगने के लिए राज्य भर में व्यापक आलोचना हुई है. भाजपा की सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री सरमा ने इस मुद्दे को हल्के में नहीं लिया है और नोटिस दिया है.

यह भी पढ़ें- Places of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट में PIL, प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट को दी गई चुनौती

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किशन को उल्फा (निर्दलीय) प्रमुख परेश बरुआ उर्फ ​​परेश असम से माफी मांगने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

सूत्रों ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्री संजय किशन को कारण बताओ नोटिस भेजा है. मुख्यमंत्री उन परिस्थितियों को जानना चाहते हैं जिनके कारण एक मंत्री ने एक बागी नेता से माफी मांगी. किशन द्वारा उल्फा गुट प्रमुख से माफी मांगने के करीब दो हफ्ते बाद कारण बताओ नोटिस आया है. संजय किशन ने हाल ही में उल्फा शिविरों में असम पुलिस के कुछ जासूसों को फांसी दिए जाने के मुद्दे पर विद्रोही नेता की आलोचना की थी.

किशन ने मीडिया से बात करते हुए बरुआ को कैमरे पर झूठा भी करार दिया था. बयानों के बाद उल्फा गुट ने मंत्री पर कई प्रतिबंध लगाए और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की धमकी दी. उल्फा के फरमान के एक दिन बाद संजय किशन ने मीडिया को बताया कि उनका इरादा बरुआ को चोट पहुंचाने का नहीं था और उन्होंने जो कहा था वह उनका मतलब नहीं था. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि मंत्री द्वारा एक विद्रोही नेता को माफी मांगने के लिए राज्य भर में व्यापक आलोचना हुई है. भाजपा की सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री सरमा ने इस मुद्दे को हल्के में नहीं लिया है और नोटिस दिया है.

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