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Assam by election : माजुली से भाजपा ने भुबन गाम को बनाया उम्मीदवार - सोनोवाल के करीबी भुबन गाम

असम की माजुली विधानसभा सीट पर उपचुनाव (assam majuli assembly by election) कराए जाने हैं. भाजपा ने भुबन गाम को उम्मीदवार (Majuli Bhuban Gam bjp candidate) बनाया है. वोटिंग सात मार्च को, जबकि मतगणना 10 मार्च को होगी.

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माजुली से भाजपा ने भुबन गाम को बनाया उम्मीदवार
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Published : Feb 14, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 8:30 PM IST

गुवाहाटी : असम की माजुली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार (Majuli Assembly by election bjp candidate) की घोषणा हो गई है. असम की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने माजुली एसटी सीट पर भुबन गाम को उम्मीदवार (Majuli Bhuban Gam bjp candidate) बनाया है.

सोनोवाल के करीबी भुबन गाम !
माजुली सीट पर सात मार्च को मतदान (majuli assembly voting 7 march) कराए जाएंगे. माजुली सीट पर सर्बानंद सोनोवाल जीते थे, लेकिन राज्य सभा के लिए चुने जाने के बाद माजुली विधानसभा सीट खाली हो गई थी. भुबन गाम को पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का करीबी (sonowal close aid bhuban gam) माना जाता है. बता दें कि हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद सोनोवाल को केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है.

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माजुली से भाजपा ने भुबन गाम को बनाया उम्मीदवार (फाइल फोटो)

क्यों चर्चा में है माजुली सीट

माजुली विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक राजीव लोचन पेगू (Congress MLA Rajib Lochan Pegu) ने साल 2001 से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, सर्बानंद सोनोवाल ने 2016 में माजुली से चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की. 2021 में भी सोनोवाल ने माजुली सीट बरकरार रखी.

बिजनेस में खूब नाम कमाया, अब नेतागिरी की बारी भाजपा प्रत्याशी भुबन गाम की पहचान एक सफल व्यवसायी के रूप में भी है. भुबन असम में एक लोकप्रिय एथनिक रेस्तरां चेन के मालिक हैं. सोनोवाल के करीबी भुबन ने हाल ही में निर्माण व्यवसाय में भी कदम रखा है.

कमल खिलने के बाद छूटा हाथ का साथ कभी कांग्रेस नेता भरत नारा (Congress leader Bharat Narah) के करीबी सहयोगी माने जाने वाले भुबन गाम 2016 में भाजपा से जुड़े. असम की मिसिंग जनजाति (Mising tribe in Assam) से आने वाले भुबन ने 2016 के असम विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली सफलता के बाद कांग्रेस से अलग होने का फैसला लिया.

Majuli Bhuban Gam bjp candidate
भाजपा ने भुबन गाम को उम्मीदवार बनाया

माजुली में सरमा नहीं सोनोवाल का पलड़ा भारी मीडिया रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि माजुली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार चुने जाने के समय असम में भाजपा लगभग दो खेमों में बंट गई. पार्टी सूत्रों ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा माजुली से प्रधान बरुआ को भाजपा उम्मीदवार बनाना चाहते थे. हालांक, असम के पूर्व मुख्यमंत्री और सर्बानंद सोनोवाल का समर्थन मिलने के कारण भुबन गाम का पलड़ा भारी रहा.

सरमा ने सोनोवाल को मार्गदर्शक बताया
सीएम बनने के बाद हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल 'मार्गदर्शक' बने रहेंगे. वर्तमान सीएम सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए. विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व सीएम सोनोवाल ने ही सरमा का नाम प्रस्तावित किया था. उन्होंने कहा था, नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं. मैं उन्हें इस नई यात्रा के लिये शुभकामनाएं.

यह भी पढ़ें- हिमंत बिस्व सरमा बने असम के 15वें मुख्यमंत्री

असम चुनाव 2021 में भाजपा
गौरतलब है कि असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2021 में चुनाव कराए गए थे. सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली थीं. अकेले भाजपा को 60 सीटें मिलीं, जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिलीं.

गुवाहाटी : असम की माजुली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार (Majuli Assembly by election bjp candidate) की घोषणा हो गई है. असम की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने माजुली एसटी सीट पर भुबन गाम को उम्मीदवार (Majuli Bhuban Gam bjp candidate) बनाया है.

सोनोवाल के करीबी भुबन गाम !
माजुली सीट पर सात मार्च को मतदान (majuli assembly voting 7 march) कराए जाएंगे. माजुली सीट पर सर्बानंद सोनोवाल जीते थे, लेकिन राज्य सभा के लिए चुने जाने के बाद माजुली विधानसभा सीट खाली हो गई थी. भुबन गाम को पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का करीबी (sonowal close aid bhuban gam) माना जाता है. बता दें कि हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद सोनोवाल को केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है.

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माजुली से भाजपा ने भुबन गाम को बनाया उम्मीदवार (फाइल फोटो)

क्यों चर्चा में है माजुली सीट

माजुली विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक राजीव लोचन पेगू (Congress MLA Rajib Lochan Pegu) ने साल 2001 से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, सर्बानंद सोनोवाल ने 2016 में माजुली से चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की. 2021 में भी सोनोवाल ने माजुली सीट बरकरार रखी.

बिजनेस में खूब नाम कमाया, अब नेतागिरी की बारी भाजपा प्रत्याशी भुबन गाम की पहचान एक सफल व्यवसायी के रूप में भी है. भुबन असम में एक लोकप्रिय एथनिक रेस्तरां चेन के मालिक हैं. सोनोवाल के करीबी भुबन ने हाल ही में निर्माण व्यवसाय में भी कदम रखा है.

कमल खिलने के बाद छूटा हाथ का साथ कभी कांग्रेस नेता भरत नारा (Congress leader Bharat Narah) के करीबी सहयोगी माने जाने वाले भुबन गाम 2016 में भाजपा से जुड़े. असम की मिसिंग जनजाति (Mising tribe in Assam) से आने वाले भुबन ने 2016 के असम विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली सफलता के बाद कांग्रेस से अलग होने का फैसला लिया.

Majuli Bhuban Gam bjp candidate
भाजपा ने भुबन गाम को उम्मीदवार बनाया

माजुली में सरमा नहीं सोनोवाल का पलड़ा भारी मीडिया रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि माजुली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार चुने जाने के समय असम में भाजपा लगभग दो खेमों में बंट गई. पार्टी सूत्रों ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा माजुली से प्रधान बरुआ को भाजपा उम्मीदवार बनाना चाहते थे. हालांक, असम के पूर्व मुख्यमंत्री और सर्बानंद सोनोवाल का समर्थन मिलने के कारण भुबन गाम का पलड़ा भारी रहा.

सरमा ने सोनोवाल को मार्गदर्शक बताया
सीएम बनने के बाद हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल 'मार्गदर्शक' बने रहेंगे. वर्तमान सीएम सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए. विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व सीएम सोनोवाल ने ही सरमा का नाम प्रस्तावित किया था. उन्होंने कहा था, नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं. मैं उन्हें इस नई यात्रा के लिये शुभकामनाएं.

यह भी पढ़ें- हिमंत बिस्व सरमा बने असम के 15वें मुख्यमंत्री

असम चुनाव 2021 में भाजपा
गौरतलब है कि असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2021 में चुनाव कराए गए थे. सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली थीं. अकेले भाजपा को 60 सीटें मिलीं, जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिलीं.

Last Updated : Feb 14, 2022, 8:30 PM IST
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