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एचपीसीएल की बंद मिलों के ढांचे का उपयोग करने के लिए कॉरपोरेट को खुला निमंत्रण: सरमा

असम सरकार राज्य में एचपीसीएल की बंद पड़ी दो कागज़ मिलों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए कॉरपोरेट समूहों को प्रोत्साहित करेगी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 1, 2021, 3:07 PM IST

गुवाहाटी : मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम सरकार राज्य में एचपीसीएल की बंद पड़ी दो कागज़ मिलों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए कॉरपोरेट समूहों को प्रोत्साहित करेगी ताकि कागज़ मिल नहीं तो कुछ अन्य उद्योग संचालित हो सकें.

सरमा ने कहा कि हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के संयंत्रों को फिर से शुरू करने में राज्य सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है, लेकिन सरकार दो कागज़ मिलों के बंद होने से प्रभावित कर्मचारियों को मुफ्त बिजली, स्वास्थ्य और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा के रूप में सहायता प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा, मामला अब राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) में है और उनके पास इससे निपटने के लिए एक निश्चित व्यवस्था है. राज्य सरकार की भूमिका बहुत ही सीमित है।” सरमा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर कई उपाय किए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, कर्मचारियों को मुफ्त बिजली देने से हमारा बिजली बकाया 100 करोड़ रुपये हो गया है. भाजपा ने 2016 में सर्बानांद सोनोवाल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद दो संयंत्रों को फिर से चालू करने का वादा किया था और पार्टी ने यही वादा हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भी किया था.

पढ़ें :- CM सरमा बोले- 29 फीसदी की दर से बढ़ रही मुस्लिम आबादी, रोकने को करेंगे हर उपाय

कांग्रेस, एआईयूडीएफ और असम जातीय परिषद (एजेपी) सहित विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कागज़ मिलों की नीलामी न हो.

सरमा ने कहा, सरकार के पास बड़ा बजट नहीं है. इन कागज़ मिलों को चलाने के लिए पैसा कहां से लाएं.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम सरकार राज्य में एचपीसीएल की बंद पड़ी दो कागज़ मिलों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए कॉरपोरेट समूहों को प्रोत्साहित करेगी ताकि कागज़ मिल नहीं तो कुछ अन्य उद्योग संचालित हो सकें.

सरमा ने कहा कि हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के संयंत्रों को फिर से शुरू करने में राज्य सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है, लेकिन सरकार दो कागज़ मिलों के बंद होने से प्रभावित कर्मचारियों को मुफ्त बिजली, स्वास्थ्य और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा के रूप में सहायता प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा, मामला अब राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) में है और उनके पास इससे निपटने के लिए एक निश्चित व्यवस्था है. राज्य सरकार की भूमिका बहुत ही सीमित है।” सरमा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर कई उपाय किए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, कर्मचारियों को मुफ्त बिजली देने से हमारा बिजली बकाया 100 करोड़ रुपये हो गया है. भाजपा ने 2016 में सर्बानांद सोनोवाल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद दो संयंत्रों को फिर से चालू करने का वादा किया था और पार्टी ने यही वादा हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भी किया था.

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कांग्रेस, एआईयूडीएफ और असम जातीय परिषद (एजेपी) सहित विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कागज़ मिलों की नीलामी न हो.

सरमा ने कहा, सरकार के पास बड़ा बजट नहीं है. इन कागज़ मिलों को चलाने के लिए पैसा कहां से लाएं.

(पीटीआई-भाषा)

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