पुणे : असम सरकार के द्वारा बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर को महाराष्ट्र की जगह असम में स्थित होने का दावा किए जाने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. क्योंकि यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले के अंबेगांब तालुका में स्थित है. इस संबंध में भीमाशंकर मंदिर के मुख्य पुजारी मधुकर शास्त्री गावंडे ने चेतावनी देते हुए कहा है कि असम सरकार के द्वारा कही गई बातों पर किसी को विश्वास नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में यह छठा ज्योतिर्लिंग है. उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर महाराष्ट्र से तीर्थ को चोरी करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. बता दें कि असम सरकार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग वास्तविक नहीं है. असम सरकार ने भी दावा किया है कि छठा ज्योतिर्लिंग असम में है. बता दें कि असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि देश का छठा ज्योतिर्लिंग असम के डाकिनी पहाड़ियों में कामरूप में स्थित है. इतना ही नहीं असम के मुख्यमंत्री ने विज्ञापन के माध्यम से महाशिवरात्रि पर भारी संख्या में आने की अपील की गई है.
वहीं भीमाशंकर देवस्थान के उप कार्यकारी न्यासी मधुकर शास्त्री गावंडे ने कहा कि अनादिकाल से पुणे जिले के भीमाशंकर में ज्योतिर्लिंग है. उन्होंने कहा कि इसका उल्लेख शिवपुराण, शिवलीलामृत में मिलता है. शंकराचार्य ने सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में भीमनाडी पर स्थित भीमाशंकर पर भी एक कविता की रचना की. उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के समय से ही इसका सम्मान किया जाता रहा है.
उन्होंने कहा कि आज पहली बार पता चला कि असम में भीमाशंकर है, यहां का शिवलिंग बड़ा है, जबकि भीमाशंकर में शिवलिंग शंकर और पार्वती में बंटा हुआ है. गावंडे ने कहा कि इस तरह के भेदों वाला कोई अन्य शिव मंदिर नहीं है. भीमाशंकर नाम का मंदिर हो तो ज्योतिर्लिंग नहीं हो सकता. देश के अन्य ज्योतिर्लिंगों में भी इसी तरह के विवाद पैदा हुए थे. गावंडे ने भक्तों से इस पर विश्वास न करने की अपील की है.