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असम बाढ़: त्रिपुरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने अपने अनोखे आविष्कार के जरिए मुहैया कराया शुद्ध पानी - असम भूस्खलन न्यूज

त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर, जिन्होंने वर्ष 2019 में एक 'पोर्टेबल सूटकेस वाटर प्यूरीफायर' विकसित किया है, ने असम के सिलचर में बाढ़ पीड़ितों को लगभग 250+ लीटर पीने का पानी पहुंचाया है.

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असम बाढ़
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Published : Jul 1, 2022, 2:19 PM IST

अगरतला: त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर, जिन्होंने वर्ष 2019 में एक 'पोर्टेबल सूटकेस वाटर प्यूरीफायर' विकसित किया है, ने असम के सिलचर में बाढ़ पीड़ितों को लगभग 250+ लीटर पीने का पानी पहुंचाया है. आज ईटीवी भारत के बातचीत में त्रिपुरा विश्वविद्यालय के रसायन और पॉलिमर इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर हरजीत नाथ ने कहा कि उन्होंने छात्रों, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से स्वेच्छा से राहत सामग्री एकत्र की है और गुरुवार को असम के सिलचर गए थे.

पढ़ें: असम में बाढ़ की स्थिति बिगड़ी, मरने वालों की संख्या 150 पार

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर जुटाये राहत सामग्री का भी वितरण किया. उन्होंने कहा कि हमने 'पोर्टेबल सूटकेस वाटर प्यूरीफायर' का इस्तेमाल कर पानी का वितरण किया है. यह डब्ल्यूएचओ-मानक के अनुसार शुद्ध पानी वितरित कर सकता है. डिवाइस बिजली और सौर ऊर्जा दोनों पर काम करता है. यदि दोनों उपलब्ध नहीं हैं, तब भी यह रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग करके पानी को शुद्ध कर सकता है. यह अपने 5W एलईडी बल्ब से एक छोटे से क्षेत्र में रोशनी भी कर सकता है. प्रोफेसर ने कहा कि यह उत्पाद विभिन्न समस्याओं का समाधान है. यहां तक ​​कि लोग अपने मोबाइल फोन भी चार्ज कर सकते हैं.

पढ़ें: केंद्रीय जल आयोग ने असम और बिहार के लिए जारी की ऑरेंज चेतावनी

उन्होंने कहा कि गुरुवार को उन्होंने लगभग 200 लीटर शुद्ध पेयजल लोगों के बीच वितरित किया है. यह दो मिनट के भीतर और अधिकतम पांच मिनट में एक लीटर पानी को शुद्ध कर सकता है और मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हमने बाढ़ के पानी को शुद्ध किया है और लगभग 200 लीटर पानी वितरित किया है. इस बीच, त्रिपुरा विश्वविद्यालय ने कहा है कि उन्होंने भारी मात्रा में खाद्य सामग्री, कपड़ा, दवाएं, बाढ़ जल शोधक मशीनों और ऐसी सभी चीजों के साथ छह सदस्यीय टीम पड़ोसी राज्य असम के सिलचर भेजी है जो इस तरह की विनाशकारी स्थिति में मानव के लिए बिल्कुल जरूरी है.

टीम का नेतृत्व प्रोफेसर नाथ कर रहे थे. टीम उदरबोंड, सिलचर और उसके आसपास गई. कुलपति प्रो. गंगा प्रसाद प्रसेन, डॉ. दीपक शर्मा, कुलसचिव ने टीम को समाज के लिए नेक काम करने के लिए बधाई दी. साथ ही आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय हमेशा समाज की सेवा करने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए आगे आता रहेगा.

अगरतला: त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर, जिन्होंने वर्ष 2019 में एक 'पोर्टेबल सूटकेस वाटर प्यूरीफायर' विकसित किया है, ने असम के सिलचर में बाढ़ पीड़ितों को लगभग 250+ लीटर पीने का पानी पहुंचाया है. आज ईटीवी भारत के बातचीत में त्रिपुरा विश्वविद्यालय के रसायन और पॉलिमर इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर हरजीत नाथ ने कहा कि उन्होंने छात्रों, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से स्वेच्छा से राहत सामग्री एकत्र की है और गुरुवार को असम के सिलचर गए थे.

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उन्होंने कहा कि त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर जुटाये राहत सामग्री का भी वितरण किया. उन्होंने कहा कि हमने 'पोर्टेबल सूटकेस वाटर प्यूरीफायर' का इस्तेमाल कर पानी का वितरण किया है. यह डब्ल्यूएचओ-मानक के अनुसार शुद्ध पानी वितरित कर सकता है. डिवाइस बिजली और सौर ऊर्जा दोनों पर काम करता है. यदि दोनों उपलब्ध नहीं हैं, तब भी यह रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग करके पानी को शुद्ध कर सकता है. यह अपने 5W एलईडी बल्ब से एक छोटे से क्षेत्र में रोशनी भी कर सकता है. प्रोफेसर ने कहा कि यह उत्पाद विभिन्न समस्याओं का समाधान है. यहां तक ​​कि लोग अपने मोबाइल फोन भी चार्ज कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि गुरुवार को उन्होंने लगभग 200 लीटर शुद्ध पेयजल लोगों के बीच वितरित किया है. यह दो मिनट के भीतर और अधिकतम पांच मिनट में एक लीटर पानी को शुद्ध कर सकता है और मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हमने बाढ़ के पानी को शुद्ध किया है और लगभग 200 लीटर पानी वितरित किया है. इस बीच, त्रिपुरा विश्वविद्यालय ने कहा है कि उन्होंने भारी मात्रा में खाद्य सामग्री, कपड़ा, दवाएं, बाढ़ जल शोधक मशीनों और ऐसी सभी चीजों के साथ छह सदस्यीय टीम पड़ोसी राज्य असम के सिलचर भेजी है जो इस तरह की विनाशकारी स्थिति में मानव के लिए बिल्कुल जरूरी है.

टीम का नेतृत्व प्रोफेसर नाथ कर रहे थे. टीम उदरबोंड, सिलचर और उसके आसपास गई. कुलपति प्रो. गंगा प्रसाद प्रसेन, डॉ. दीपक शर्मा, कुलसचिव ने टीम को समाज के लिए नेक काम करने के लिए बधाई दी. साथ ही आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय हमेशा समाज की सेवा करने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए आगे आता रहेगा.

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