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असम-मेघालय ने छह स्थानों पर सीमा विवाद सुलाझाया, शाह ने बताया पूर्वोत्तर के लिये ऐतिहासिक दिन

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में अंतरराज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान (resolution of interstate border issues) के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

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Published : Mar 29, 2022, 4:24 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 7:40 PM IST

दिल्ली: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने दोनों राज्यों के बीच 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद (resolution of interstate border issues) को हल करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

असम और मेघालय ने मंगलवार को 12 में से छह स्थानों पर अपने पांच दशक पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया. समझौते पर शाह, असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों हिमंत बिस्वा सरमा व कोनराड संगमा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.

छः विवाद सुलझे: यह समझौता दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर की सीमा पर 12 में से छह स्थानों पर लंबे समय से चल रहे विवाद का समाधान करेगा. शाह ने यहां गृह मंत्रालय में आयोजित समारोह में कहा कि यह पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. गृह मंत्री ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर होने से दोनों राज्यों के बीच 70 फीसदी सीमा विवाद सुलझ गया है. छह स्थानों में 36 गांव हैं, जिसके दायरे में 36.79 वर्ग किमी का क्षेत्र आता है, जिसके संबंध में समझौता हो गया है.

असम-मेघालय ने छह स्थानों पर सीमा विवाद सुलाझाया

अपनाया जाएगा चरणबद्ध तरीका: दोनों राज्यों ने पिछले साल अगस्त में जटिल सीमा मुद्दे पर तीन-तीन समितियां बनाई थीं. समिति का गठन सरमा और संगमा के बीच दो दौर की बातचीत के बाद किया था, जहां पड़ोसी राज्यों ने चरणबद्ध तरीके से विवाद को सुलझाने का संकल्प व्यक्त किया था. समितियों द्वारा संयुक्त रूप से की गई अंतिम सिफारिशों के अनुसार पहले चरण में निपटारे के वास्ते लिए गए 36.79 वर्ग किमी विवादित क्षेत्र में से असम को 18.51 वर्ग किमी और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा.

कुल 12 बिंदुओं पर विवाद: असम और मेघालय के बीच विवाद के 12 बिंदुओं में से अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मतभेद वाले छह क्षेत्रों को पहले चरण में लिया गया. असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद 50 साल से अटका हुआ है. हालांकि हाल के दिनों में इसे हल करने के प्रयास में तेजी आई है. मेघालय को 1972 में असम से अलग कर नया राज्य बनाया गया था लेकिन नए राज्य ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी थी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में 12 स्थानों पर विवाद हुआ था.

70 फीसदी विवाद सुलझा: इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है. देश में जब से मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए हैं. अमित शाह ने कहा कि मुझे खुशी है कि विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है. सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70% सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है. मुझे भरोसा है कि बाकी की 6 जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे.

असम सीएम ने क्या कहा: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस एमओयू के बाद हम दूसरे चरण का काम शुरू करेंगे और अगले 6-7 महीने में बाकी की 6 विवादित जगहों का हल निकालने की पूरी कोशिश करेंगे. असम CM हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1970 में मेघालय को असम से अलग किया गया लेकिन राज्य पुनर्गठन विधेयक में कांग्रेस इसे हल कर सकती थी. दोनों राज्य आंतरिक रूप से लड़ते रहे जिसके परिणाम स्वरूप हताहत हुए. हम पूर्वोत्तर के विकास के लिए शांति, विरासत और विकास (PHD) मॉडल पर काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- पंजाब में केंद्रीय नियमों पर सांसदों में रोष, कहा- चंडीगढ़ भावनात्मक मुद्दा, फैसला वापस ले गृह मंत्रालय

मेघालय सीएम ने क्या कहा: वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि हम इसे आगे ले जाकर जिन बाकी जगहों पर विवाद है उन्हें हल करने कोशिश करेंगे. संगमा ने कहा कि सीमा विवाद के मुद्दें पिछले 50 वर्षों से हैं. हम इस साल अपने राज्य की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं और 50 साल बाद भी यह मुद्दा बना हुआ है. इसलिए समाज का एक बड़ा वर्ग इसका समाधान चाहता है.

दिल्ली: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) ने दोनों राज्यों के बीच 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद (resolution of interstate border issues) को हल करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

असम और मेघालय ने मंगलवार को 12 में से छह स्थानों पर अपने पांच दशक पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया. समझौते पर शाह, असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों हिमंत बिस्वा सरमा व कोनराड संगमा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.

छः विवाद सुलझे: यह समझौता दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर की सीमा पर 12 में से छह स्थानों पर लंबे समय से चल रहे विवाद का समाधान करेगा. शाह ने यहां गृह मंत्रालय में आयोजित समारोह में कहा कि यह पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. गृह मंत्री ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर होने से दोनों राज्यों के बीच 70 फीसदी सीमा विवाद सुलझ गया है. छह स्थानों में 36 गांव हैं, जिसके दायरे में 36.79 वर्ग किमी का क्षेत्र आता है, जिसके संबंध में समझौता हो गया है.

असम-मेघालय ने छह स्थानों पर सीमा विवाद सुलाझाया

अपनाया जाएगा चरणबद्ध तरीका: दोनों राज्यों ने पिछले साल अगस्त में जटिल सीमा मुद्दे पर तीन-तीन समितियां बनाई थीं. समिति का गठन सरमा और संगमा के बीच दो दौर की बातचीत के बाद किया था, जहां पड़ोसी राज्यों ने चरणबद्ध तरीके से विवाद को सुलझाने का संकल्प व्यक्त किया था. समितियों द्वारा संयुक्त रूप से की गई अंतिम सिफारिशों के अनुसार पहले चरण में निपटारे के वास्ते लिए गए 36.79 वर्ग किमी विवादित क्षेत्र में से असम को 18.51 वर्ग किमी और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा.

कुल 12 बिंदुओं पर विवाद: असम और मेघालय के बीच विवाद के 12 बिंदुओं में से अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मतभेद वाले छह क्षेत्रों को पहले चरण में लिया गया. असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद 50 साल से अटका हुआ है. हालांकि हाल के दिनों में इसे हल करने के प्रयास में तेजी आई है. मेघालय को 1972 में असम से अलग कर नया राज्य बनाया गया था लेकिन नए राज्य ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी थी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में 12 स्थानों पर विवाद हुआ था.

70 फीसदी विवाद सुलझा: इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है. देश में जब से मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए हैं. अमित शाह ने कहा कि मुझे खुशी है कि विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है. सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70% सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है. मुझे भरोसा है कि बाकी की 6 जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे.

असम सीएम ने क्या कहा: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस एमओयू के बाद हम दूसरे चरण का काम शुरू करेंगे और अगले 6-7 महीने में बाकी की 6 विवादित जगहों का हल निकालने की पूरी कोशिश करेंगे. असम CM हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1970 में मेघालय को असम से अलग किया गया लेकिन राज्य पुनर्गठन विधेयक में कांग्रेस इसे हल कर सकती थी. दोनों राज्य आंतरिक रूप से लड़ते रहे जिसके परिणाम स्वरूप हताहत हुए. हम पूर्वोत्तर के विकास के लिए शांति, विरासत और विकास (PHD) मॉडल पर काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- पंजाब में केंद्रीय नियमों पर सांसदों में रोष, कहा- चंडीगढ़ भावनात्मक मुद्दा, फैसला वापस ले गृह मंत्रालय

मेघालय सीएम ने क्या कहा: वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि हम इसे आगे ले जाकर जिन बाकी जगहों पर विवाद है उन्हें हल करने कोशिश करेंगे. संगमा ने कहा कि सीमा विवाद के मुद्दें पिछले 50 वर्षों से हैं. हम इस साल अपने राज्य की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं और 50 साल बाद भी यह मुद्दा बना हुआ है. इसलिए समाज का एक बड़ा वर्ग इसका समाधान चाहता है.

Last Updated : Mar 29, 2022, 7:40 PM IST
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