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ASI की टीम वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का आज सुबह 7 बजे शुरू करेगी सर्वे - Gyanvapi Shringar Gauri Case

हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे (ASI survey of Gyanvapi campus) आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से कराने की मांग की थी. शुक्रवार को मामले में कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी थी. इसके बाद आज से सर्वे शुरू कर दिया जाएगा.

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Published : Jul 23, 2023, 10:40 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 6:15 AM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के लिए कोर्ट ने मंजूरी दी थी. सोमवार की सुबह सात बजे से एएसआई की टीम दोनों पक्षों के साथ परिसर में सर्वे की कार्रवाई शुरू करेगी. इसे लेकर रविवार की रात कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने दोनों पक्षों के लोगों की अपने बंगले पर मीटिंग ली.

वजूखाने को छोड़ बाकी सभी का होगा सर्वे : हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन और वादिनी सीता साहू से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सोमवार सुबह 7:00 बजे से ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर में बेरिकेड के अंदर सर्वे की कार्रवाई शुरू करेगी. इसे लेकर उन्हें अचानक से सूचना मिली. इसके बाद कमिश्नर ऑफ पुलिस की तरफ से दोनों पक्षों को एक साथ मीटिंग के लिए बुलाया गया. कोर्ट ने 21 जुलाई को स्पष्ट आदेश दिया था कि मस्जिद परिसर के अंदर बैरिकेड के एरिया में वजूखाने को छोड़कर बाकी पूरे परिसर की रडार तकनीक समेत अन्य अलग-अलग वैज्ञानिक तकनीकों से सर्वे करके इसकी रिपोर्ट 4 अगस्त तक प्रेषित की जाए. इसे लेकर एएसआई डायरेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि खंभे पर मिले निशान और गुंबद पर रडार तकनीक का प्रयोग करके इन सभी की जांच की जाए.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट, मुस्लिम पक्ष दे सकता है चुनौती

जरूरत पड़ने पर होगी खुदाई : डायरेक्टर को यह भी निर्देश मिले हैं कि जरूरत पड़ने पर खुदाई करके मिट्टी आदि की भी जांच कराई जाए, यह पता लगाया जाए कि यह कब की है. निर्माण समेत समस्त जानकारियां कोर्ट ने एएसआई डायरेक्टर से रिपोर्ट के जरिए मांगी है. इसे 4 अगस्त तक फाइल करनी है. ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ. ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी. 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था. पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, वजूखाने का हिस्सा छोड़कर पूरे परिसर का होगा ASI सर्वे

वाराणसी : ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के लिए कोर्ट ने मंजूरी दी थी. सोमवार की सुबह सात बजे से एएसआई की टीम दोनों पक्षों के साथ परिसर में सर्वे की कार्रवाई शुरू करेगी. इसे लेकर रविवार की रात कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने दोनों पक्षों के लोगों की अपने बंगले पर मीटिंग ली.

वजूखाने को छोड़ बाकी सभी का होगा सर्वे : हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन और वादिनी सीता साहू से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सोमवार सुबह 7:00 बजे से ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर में बेरिकेड के अंदर सर्वे की कार्रवाई शुरू करेगी. इसे लेकर उन्हें अचानक से सूचना मिली. इसके बाद कमिश्नर ऑफ पुलिस की तरफ से दोनों पक्षों को एक साथ मीटिंग के लिए बुलाया गया. कोर्ट ने 21 जुलाई को स्पष्ट आदेश दिया था कि मस्जिद परिसर के अंदर बैरिकेड के एरिया में वजूखाने को छोड़कर बाकी पूरे परिसर की रडार तकनीक समेत अन्य अलग-अलग वैज्ञानिक तकनीकों से सर्वे करके इसकी रिपोर्ट 4 अगस्त तक प्रेषित की जाए. इसे लेकर एएसआई डायरेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि खंभे पर मिले निशान और गुंबद पर रडार तकनीक का प्रयोग करके इन सभी की जांच की जाए.

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जरूरत पड़ने पर होगी खुदाई : डायरेक्टर को यह भी निर्देश मिले हैं कि जरूरत पड़ने पर खुदाई करके मिट्टी आदि की भी जांच कराई जाए, यह पता लगाया जाए कि यह कब की है. निर्माण समेत समस्त जानकारियां कोर्ट ने एएसआई डायरेक्टर से रिपोर्ट के जरिए मांगी है. इसे 4 अगस्त तक फाइल करनी है. ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ. ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी. 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था. पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए.

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Last Updated : Jul 24, 2023, 6:15 AM IST
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