चेन्नई : लेखिका अरुंधति रॉय की एक किताब को एबीवीपी की एक शिकायत के बाद तमिलनाडु विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने ट्वीट किया, अगर राजनीति यह तय करने जा रही है कि साहित्य, कला और पाठ्यक्रम क्या है, तो यह एक बहुलवादी समाज के लिए बहुत खतरनाक है.
राय की किताब 'वॉकिंग विद द कोमरेडस' की आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों द्वारा एक शिकायत के बाद तिरुनेलवेली में मनोनमनियम सुंदरनार विश्वविद्यालय द्वारा वापस हटा दी गई.
एबीवीपी दक्षिण तमिलनाडु के संयुक्त सचिव सी विग्नेश ने कथित तौर पर रॉय की पुस्तक को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति पर दबाव डाला.
2011 में प्रकाशित रॉय की पुस्तक में भारतीय राज्य और सशस्त्र क्रांतिकारी माओवादी ताकतों के बीच के गतिरोध का विवरण है. यह कथित रूप से 2017 के बाद से बीए अंग्रेजी भाषा और साहित्य के छात्रों के लिए उनके तीसरे में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा था.
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रॉय देश में दक्षिणपंथी ताकतों के मुखर आलोचक रही हैं. यह पहली बार नहीं है कि संघ ने उनकी शिक्षण सामग्री पर आपत्ति जताई है.
जुलाई में, भाजपा की केरल इकाई ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कालीकट विश्वविद्यालय से रॉय की किताब पाठ्यपुस्तक से हटाने के लिए कहा था.