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अरुणाचल प्रदेश: चीनी घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार द्वारा और ज्यादा प्रयास की जरूरत - कांग्रेस

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Published : Dec 14, 2022, 3:24 PM IST

बीती 9 दिसंबर को चीनी सेना द्वारा घुसपैठ (Chinese intrusion) के बाद भारतीय सेना के साथ झड़प की जानकारी सामने आने के बाद से ही विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मुखर है. अब अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बोसीराम सिरम (Arunachal Pradesh Congress President Bosiram Siram) ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पढें इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Tawang in Arunachal Pradesh
अरुणाचल प्रदेश में तवांग

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय लोगों को चीनी घुसपैठ (Chinese intrusion) से बचाने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की, लेकिन कहा कि केंद्र सरकार को सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है. अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बोसीराम सिरम (Arunachal Pradesh Congress President Bosiram Siram) ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमें भारतीय सेना पर गर्व है, जो सीमाओं की रक्षा कर रही है और चीनियों को हमारी एक इंच जमीन भी नहीं लेने दी है. लेकिन केंद्र सरकार को चीनी घुसपैठ से अरुणाचल प्रदेश को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है. इसलिए ऐसी घटनाएं होती हैं. एक के बाद एक सरकारें घुसपैठ पर ध्यान देती रही हैं. भाजपा सरकार भी इधर-उधर कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ तंत्रों में विफल हो रही है. ये तंत्र समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. हमें मौजूदा रणनीति से आगे बढ़कर इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए नई रणनीति बनानी होगी.'

यह प्रतिक्रिया 9 दिसंबर को तवांग क्षेत्र में एक ताजा घुसपैठ के बाद आई, जिसके दौरान भारतीय सेना के जवानों ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को आमने-सामने की लड़ाई के बाद पीछे धकेल दिया. कांग्रेस नेता के अनुसार, चीनी पीएलए द्वारा इस तरह की सीमा घुसपैठ और उनके द्वारा स्थानीय लोगों का अपहरण अरुणाचल प्रदेश में नियमित विशेषताएं थीं और जब तक समस्या को समग्र रूप से संबोधित नहीं किया जाता तब तक यह खत्म नहीं होगा.

सिरम ने कहा, '9 दिसंबर की घटना कोई नई नहीं थी. पीएलए का एजेंडा सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय लोगों को परेशान करना है. वे इसे एक युक्ति के रूप में उपयोग करते हैं. पिछले साल पीएलए ने दो स्थानीय लड़कों का अपहरण कर लिया था. मामले में भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. आम लोग इस तरह की घटनाओं से खासे नाराज हैं. जब वे भोजन की तलाश में सीमावर्ती क्षेत्रों के पास जाते हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और पीएलए द्वारा अपहरण किए जाने का डर रहता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन स्थानीय लोग सतर्क हैं और भारतीय क्षेत्र के अंदर किसी भी चीनी घुसपैठ के संकेतों पर नजर रखते हैं. पीएलए के लिए अरुणाचल प्रदेश में समस्याएं पैदा करना नियमित है. ऐसी घटनाएं इक्का-दुक्का नहीं हैं और भविष्य में भी होती रहेंगी.' कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को उजागर करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी प्रतिनिधिमंडल भेजती रहती है, लेकिन वह केवल समस्या को उजागर कर सकती है.

सिरम ने कहा, 'हम बार-बार प्रतिनिधिमंडलों को सीमावर्ती क्षेत्रों में ले जाते हैं. मैं एक सप्ताह पहले तवांग गया था. यह बर्फ की मोटी परत के नीचे है और तापमान जम रहा है. तवांग के पास सीमा का उल्लंघन करने के लिए चीनियों ने अत्यधिक ठंड के मौसम का फायदा उठाया. तवांग वह क्षेत्र है जहां से दलाई लामा ने 1959 में भारत में प्रवेश किया था.'

पढ़ें: रोजाना लाखों साइबर हमले होते हैं, ज्यादातर को रोक दिया जाता है: वैष्णव

यह देखते हुए कि अरुणाचल प्रदेश एक अजीबोगरीब राज्य है, क्योंकि यह तीन देशों चीन, भूटान और म्यांमार के साथ सीमा साझा करता है, सिरम ने कहा कि केवल चीनी पीएलए स्थानीय लोगों को परेशान करने के लिए इस तरह के दबाव की रणनीति का इस्तेमाल कर रही थी. उन्होंने कहा, 'वे अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं. अरुणाचल प्रदेश के लोग कभी भी चीनी कब्जे में नहीं रहे हैं और यह राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग बना रहेगा.'

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय लोगों को चीनी घुसपैठ (Chinese intrusion) से बचाने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की, लेकिन कहा कि केंद्र सरकार को सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है. अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बोसीराम सिरम (Arunachal Pradesh Congress President Bosiram Siram) ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमें भारतीय सेना पर गर्व है, जो सीमाओं की रक्षा कर रही है और चीनियों को हमारी एक इंच जमीन भी नहीं लेने दी है. लेकिन केंद्र सरकार को चीनी घुसपैठ से अरुणाचल प्रदेश को सुरक्षित करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है. इसलिए ऐसी घटनाएं होती हैं. एक के बाद एक सरकारें घुसपैठ पर ध्यान देती रही हैं. भाजपा सरकार भी इधर-उधर कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ तंत्रों में विफल हो रही है. ये तंत्र समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. हमें मौजूदा रणनीति से आगे बढ़कर इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए नई रणनीति बनानी होगी.'

यह प्रतिक्रिया 9 दिसंबर को तवांग क्षेत्र में एक ताजा घुसपैठ के बाद आई, जिसके दौरान भारतीय सेना के जवानों ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को आमने-सामने की लड़ाई के बाद पीछे धकेल दिया. कांग्रेस नेता के अनुसार, चीनी पीएलए द्वारा इस तरह की सीमा घुसपैठ और उनके द्वारा स्थानीय लोगों का अपहरण अरुणाचल प्रदेश में नियमित विशेषताएं थीं और जब तक समस्या को समग्र रूप से संबोधित नहीं किया जाता तब तक यह खत्म नहीं होगा.

सिरम ने कहा, '9 दिसंबर की घटना कोई नई नहीं थी. पीएलए का एजेंडा सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय लोगों को परेशान करना है. वे इसे एक युक्ति के रूप में उपयोग करते हैं. पिछले साल पीएलए ने दो स्थानीय लड़कों का अपहरण कर लिया था. मामले में भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. आम लोग इस तरह की घटनाओं से खासे नाराज हैं. जब वे भोजन की तलाश में सीमावर्ती क्षेत्रों के पास जाते हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और पीएलए द्वारा अपहरण किए जाने का डर रहता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन स्थानीय लोग सतर्क हैं और भारतीय क्षेत्र के अंदर किसी भी चीनी घुसपैठ के संकेतों पर नजर रखते हैं. पीएलए के लिए अरुणाचल प्रदेश में समस्याएं पैदा करना नियमित है. ऐसी घटनाएं इक्का-दुक्का नहीं हैं और भविष्य में भी होती रहेंगी.' कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को उजागर करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी प्रतिनिधिमंडल भेजती रहती है, लेकिन वह केवल समस्या को उजागर कर सकती है.

सिरम ने कहा, 'हम बार-बार प्रतिनिधिमंडलों को सीमावर्ती क्षेत्रों में ले जाते हैं. मैं एक सप्ताह पहले तवांग गया था. यह बर्फ की मोटी परत के नीचे है और तापमान जम रहा है. तवांग के पास सीमा का उल्लंघन करने के लिए चीनियों ने अत्यधिक ठंड के मौसम का फायदा उठाया. तवांग वह क्षेत्र है जहां से दलाई लामा ने 1959 में भारत में प्रवेश किया था.'

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यह देखते हुए कि अरुणाचल प्रदेश एक अजीबोगरीब राज्य है, क्योंकि यह तीन देशों चीन, भूटान और म्यांमार के साथ सीमा साझा करता है, सिरम ने कहा कि केवल चीनी पीएलए स्थानीय लोगों को परेशान करने के लिए इस तरह के दबाव की रणनीति का इस्तेमाल कर रही थी. उन्होंने कहा, 'वे अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं. अरुणाचल प्रदेश के लोग कभी भी चीनी कब्जे में नहीं रहे हैं और यह राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग बना रहेगा.'

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