नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर लिखे एक आलेख के सिलसिले में दो पत्रकारों को गिरफ्तारी से शुक्रवार को अंतरिम राहत दी. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने पत्रकार रवि नायर और आनंद मंगनाले की याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किये. शीर्ष अदालत नायर और मंगनाले की ओर से दायर उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें अहमदाबाद अपराध शाखा की ओर से जारी समन को चुनौती दी गई थी.
अपराध शाखा ने उन्हें संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) वेबसाइट पर प्रकाशित उनके लेख के संबंध में पुलिस की प्रारंभिक जांच के संबंध में पूछताछ के लिए तलब किया था. पीठ ने प्रारंभ में दोनों पत्रकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह से पूछा कि याचिकाकर्ताओं ने सीधे शीर्ष अदालत का रुख क्यों किया है?
जयसिंह ने कहा कि पेश होने का नोटिस पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र के बिना है और यह विशुद्ध उत्पीड़न और संभावित गिरफ्तारी की भूमिका बनाने के अलावा कुछ नहीं है. अहमदाबाद की अपराध शाखा ने नायर और मंगनाले को अक्टूबर में नोटिस जारी किये थे, जिसमें उन्हें एक निवेशक योगेशभाई मफतलाल भंसाली की शिकायत पर की जा रही प्रारंभिक जांच के संबंध में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था.
अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए जाने के कारण समूह के शेयरों में गिरावट आई थी. अडाणी समूह ने आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि यह सभी कानूनों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का अनुपालन करता है.