नई दिल्ली : आर्मी इंडस्ट्री पार्टनरशिप की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर सेना प्रमुख नरवणे ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले साल, कोविड महामारी और उत्तरी सीमाओं पर जुझारूपन की दोहरी चुनौतियां देश के सामने थीं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में नरवणे ने कहा कि पिछले वर्ष की घटनाओं ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की भेद्यता (vulnerability) को सामने ला दिया है. उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों ने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया है. आज रक्षा में आत्मनिर्भरता एक रणनीतिक आवश्यकता बन गई है.
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संघर्ष के पूरे समय काल में दीर्घकालिक क्षमताओं के निर्माण में निवेश करना हमारे लिए अनिवार्य हो चुका है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने कहा कि हमारे विरोधियों द्वारा किए जा रहे रक्षा आधुनिकीकरण की त्वरित गति को ध्यान में रखते हुए, हम थोड़ा पीछे रह गए हैं. विदेशी मूल के उपकरणों पर भारतीय सशस्त्र बलों की निरंतर और भारी निर्भरता को स्वदेशी क्षमता विकास के माध्यम से बेहतर करने की आवश्यकता है.