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जर्मनी में 20 महीने से फंसी अरिहा, वतन वापसी के लिए मां ने PM मोदी से लगाई गुहार - अरिहा की कस्टडी मां बाप को नहीं सौंप रही जर्मनी

जर्मनी में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह का मामला एक बार फिर गरमा गया है. इस मामले में बच्ची की मां ने मोदी सरकार ने हस्तक्षेप की मांग की है. अरिहा की मां ने कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर उनकी बच्ची को वापस भारत लाएंगे.

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Published : Jun 21, 2023, 8:18 PM IST

दिल्ली में मां ने लगाई गुहार.

नई दिल्ली: जर्मनी में अपनी बच्ची अरिहा शाह की कस्टडी की मांग कर रहे भारतीय मां-बाप ने एक बार फिर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. दरअसल, ढाई साल की अरिहा बीते 27 महीने से जर्मनी में है. जब वह 7 महीने की थी, तब उसे जर्मनी यूथ वेलफेयर की कस्टडी में भेज दिया गया था. अरिहा के माता-पिता पर बच्ची के शारीरिक शोषण के आरोप लगाए गए थे. भारत वापस लाने के लिए मां धारा शाह ने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है.

अरिहा की मां धारा शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वहां की सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है. यहां तक कि हमें कोर्ट में नहीं सुना गया. हमें बोलने तक का मौका नहीं दिया गया है. वहीं अदालत के फैसले के बाद अरिहा की मां ने भारत सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर उनकी बच्ची को वापस भारत लाएंगे. अभी हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं हो पाई है. हमने उनसे मिलने का समय मांगा है अभी वह अपनी मीटिंग में व्यस्त है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही वह हमसे मुलाकात करेंगे.

अब मेरी बच्ची से मुझे सिर्फ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मुझसे मिला सकते हैं. अगर वह हस्तक्षेप करेंगे तो जर्मन की सरकार भी सुनेगी. हमने अपनी बच्ची की शुरू में कस्टडी मांगी थी, लेकिन उन्होंने हमें कस्टडी देने से इंकार कर दिया. बाद में हमने अनुरोध किया कि उसे भारतीय कल्याण सेवाओं को दे दिया जाए, लेकिन उन्होंने वहां भी कस्टडी देने से इनकार कर दिया.

- धारा शाह, अरिहा की मां

अरिहा के मां-बाप पर सेक्सुअल एब्यूज का आरोप: दरअसल, अरिहा जब सात महीने की थी तब उसके माता-पिता को उसके डायपर पर खून दिखा था. इसपर उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले गई. डॉक्टर ने बच्ची का चेकअप कर उसे स्वस्थ बताया और उसे वापस भेज दिया. कुछ दिनों बाद अरिहा की मां धारा शाह को चाइल्ड केयर ने बुलाया और बच्ची को उनके मां-बाप से वापस ले लिए. चाइल्ड केयर ने अरिहा के मां-बाप पर बच्ची से सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया. हालांकि, जिस हॉस्पिटल ने सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया था, उसने बाद में यह आरोप वापस ले लिए, लेकिन इसके बाद भी चाइल्ड केयर ने बच्ची को उसके परिवार को नहीं सौंपा.

अरिहा की कस्टडी मां-बाप को नहीं सौंप रही जर्मनी: जर्मनी की कोर्ट ने बच्ची की सुरक्षा को देखते हुए उसकी कस्टडी उसके माता-पिता को देने की बजाय जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस को दी. कोर्ट ने कहा कि उनका ये मानना है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्ची को चोट पहुंचाई और वह चोट लगने की वजह का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. कोर्ट ने कहा कि अरिहा को अप्रैल 2021 में सिर और कमर पर चोट लगी थी. वहीं सितंबर 2021 में बच्ची के निजी अंगों में भी चोट लगी थी. परिजनों ने दावा किया कि बच्ची को नहलाने के दौरान यह चोट लगीं, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया. 27 महीने की अरिहा शाह 20 महीने से अधिक समय से बर्लिन में बाल देखभाल गृह में रह रही है.

दिल्ली में मां ने लगाई गुहार.

नई दिल्ली: जर्मनी में अपनी बच्ची अरिहा शाह की कस्टडी की मांग कर रहे भारतीय मां-बाप ने एक बार फिर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. दरअसल, ढाई साल की अरिहा बीते 27 महीने से जर्मनी में है. जब वह 7 महीने की थी, तब उसे जर्मनी यूथ वेलफेयर की कस्टडी में भेज दिया गया था. अरिहा के माता-पिता पर बच्ची के शारीरिक शोषण के आरोप लगाए गए थे. भारत वापस लाने के लिए मां धारा शाह ने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है.

अरिहा की मां धारा शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वहां की सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है. यहां तक कि हमें कोर्ट में नहीं सुना गया. हमें बोलने तक का मौका नहीं दिया गया है. वहीं अदालत के फैसले के बाद अरिहा की मां ने भारत सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर उनकी बच्ची को वापस भारत लाएंगे. अभी हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं हो पाई है. हमने उनसे मिलने का समय मांगा है अभी वह अपनी मीटिंग में व्यस्त है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही वह हमसे मुलाकात करेंगे.

अब मेरी बच्ची से मुझे सिर्फ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मुझसे मिला सकते हैं. अगर वह हस्तक्षेप करेंगे तो जर्मन की सरकार भी सुनेगी. हमने अपनी बच्ची की शुरू में कस्टडी मांगी थी, लेकिन उन्होंने हमें कस्टडी देने से इंकार कर दिया. बाद में हमने अनुरोध किया कि उसे भारतीय कल्याण सेवाओं को दे दिया जाए, लेकिन उन्होंने वहां भी कस्टडी देने से इनकार कर दिया.

- धारा शाह, अरिहा की मां

अरिहा के मां-बाप पर सेक्सुअल एब्यूज का आरोप: दरअसल, अरिहा जब सात महीने की थी तब उसके माता-पिता को उसके डायपर पर खून दिखा था. इसपर उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले गई. डॉक्टर ने बच्ची का चेकअप कर उसे स्वस्थ बताया और उसे वापस भेज दिया. कुछ दिनों बाद अरिहा की मां धारा शाह को चाइल्ड केयर ने बुलाया और बच्ची को उनके मां-बाप से वापस ले लिए. चाइल्ड केयर ने अरिहा के मां-बाप पर बच्ची से सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया. हालांकि, जिस हॉस्पिटल ने सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया था, उसने बाद में यह आरोप वापस ले लिए, लेकिन इसके बाद भी चाइल्ड केयर ने बच्ची को उसके परिवार को नहीं सौंपा.

अरिहा की कस्टडी मां-बाप को नहीं सौंप रही जर्मनी: जर्मनी की कोर्ट ने बच्ची की सुरक्षा को देखते हुए उसकी कस्टडी उसके माता-पिता को देने की बजाय जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस को दी. कोर्ट ने कहा कि उनका ये मानना है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्ची को चोट पहुंचाई और वह चोट लगने की वजह का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. कोर्ट ने कहा कि अरिहा को अप्रैल 2021 में सिर और कमर पर चोट लगी थी. वहीं सितंबर 2021 में बच्ची के निजी अंगों में भी चोट लगी थी. परिजनों ने दावा किया कि बच्ची को नहलाने के दौरान यह चोट लगीं, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया. 27 महीने की अरिहा शाह 20 महीने से अधिक समय से बर्लिन में बाल देखभाल गृह में रह रही है.

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