देहरादून: चमोली में रैणी आपदा के एक साल बाद भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. जोशीमठ में तपोवन बैराज इंटेक चैनल के मुहाने पर एक मानव खोपड़ी बरामद हुई हैं. कम्पनी की तरफ से मामले की जानकारी जोशीमठ पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. आपदा के बाद से अब तक एनटीपीसी टनल से 89 शव बरामद हो चुके हैं.
दोपहर सवा 12 बजे पर सेलंग स्थित एचसीसी कंपनी के सीनियर प्रशासनिक सहायक अंबादत्त भट्ट द्वारा चौकी तपोवन पर फोन द्वारा सूचना दी कि तपोवन स्थित बैराज के पास इंटेक टनल के मुहाने से करीब 600 मीटर अंदर पुनर्निर्माण कार्य के दौरान एक लाल रंग की बनियान के अंदर एक मानव खोपड़ी बरामद हुई है.
इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु थाने से पुलिसकर्मियों को मौके के लिए रवाना किया गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फोटोग्राफी की गई. पंचायतनामा की कारवाई की गई. पुलिस के अनुसार डीएनए संरक्षित कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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चमोली में हुआ था बड़ा हादसा: उत्तराखंड के चमोली जिले (chamoli disaster) में सात फरवरी 2021 को जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी में सैलाब आ गया था. इस सैलाब में एनटीपीसी की निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे कई मजदूर लापता हो गए थे. साथ ही कई लोगों की मौत हो गई थी. कई लोग ऐसे भी जो लापता हैं. वहीं, सरकार लापता लोगों को मृत घोषित कर चुकी है, इसके साथ ही मुआवजा भी दिया जा चुका है.
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तपोवन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट धौलीगंगा नदी पर 520 मेगावाट क्षमता की परियोजना थी. चमोली आपदा के दौरान तपोवन एचईपी में करीब 20 मीटर और बैराज गेट्स के पास 12 मीटर ऊंचाई तक मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए थे. जिससे इस प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा था. इस आपदा में करीब 1,625 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.