देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में बड़ा अपडेट आया है. एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी (DIG P Renuka Devi) का कहना है कि वनंत्रा रिजॉर्ट उत्तराखंड पर्यटन नियमों के तहत पंजीकृत नहीं था. उसके पास फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं थी. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में एसआईटी ने आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित प्राधिकरण को पत्र लिखा है. डीआईजी पी रेणुका देवी ने बताया कि उन्होंने अदालत को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ट्रायल के लिए भी लिखा था. एसआईटी मामले की जांच कर रही है. कुछ एफएसएल रिपोर्ट मिली हैं और कुछ अभी बाकी हैं.
बता दें, उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) में एसआईटी की जांच अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी हैं. एसआईटी जल्द ही करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश करने वाली (chargesheet in Ankita Bhandari murder) है. वहीं, एसआईटी को 4 एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) रिपोर्ट मिल चुकी हैं, जिन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, इस 500 पन्नों की चार्जशीट में करीब 30 गवाहों के बयान होंगे. वहीं, केस और मजबूत करने के लिए देहरादून FSL और चंडीगढ़ CFSL लैब के 4 सैंपलों की प्रिमिनली रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं. हालांकि, अभी डीएनए, बिसरा और कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे महत्वपूर्ण सैंपलों की FSL रिपोर्ट आना बाकी है.
क्या है मामला: 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.
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पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिजॉर्ट से बाहर ले गया और आरोप है कि ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.
पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं.