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त्रिपुरा में एक और शिक्षक की मौत, गुस्साए शिक्षकों ने शव रखकर किया प्रदर्शन - संयुक्त आंदोलन समिति

त्रिपुरा में संयुक्त आंदोलन समिति के बैनर तले 50 दिन से शिक्षकों का धरना चल रहा है. प्रदर्शनकारी उस समय और भड़क गए जब उन्हें पता चला कि उनके एक और साथी की मौत हो गई है. भर्ती रद्द होने के बाद से 84 शिक्षकों की मौत हो चुकी है.

शिक्षकों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
शिक्षकों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
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Published : Jan 25, 2021, 5:34 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा में एक और शिक्षक की मौत हो गई. अजित सूत्रधार उन शिक्षकों में शामिल थे जिनको 10,323 शिक्षकों की भर्ती के समय नौकरी मिली थी. बाद में कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इनकी नियुक्ति रद्द कर दी थी. अब तक 84 शिक्षकों की मौत हो चुकी है. इनमें कई मामले आत्महत्या के भी हैं.

संयुक्त आंदोलन समिति के बैनर तले शिक्षक संघ 50 दिन से प्रदर्शन कर रहा है. सोमवार को अजित सूत्रधार की मौत के बाद गुस्साए शिक्षकों का गुस्सा और भड़क गया. शिक्षकों ने अजित का शव रखकर नारेबाजी की. शिक्षा निदेशालय तक शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने उन 84 शिक्षकों के लिए न्याय की मांग की जो भर्ती रद्द होने के बाद जान गंवा चुके हैं.

शव रखकर किया प्रदर्शन

संयुक्त आंदोलन समिति के वरिष्ठ नेता दलिया दास ने प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सरकार को 'अमानवीय' करार दिया. साथ ही कहा कि सरकार कब इन शिक्षकों के बारे में नरमी से सोचेगी. दास ने कहा कि हमारे सहयोगी अजित सूत्रधार को नौकरी जाने के बाद मानसिक आघात पहुंचा, यही वजह है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

दास ने दावा किया कि शिक्षक पिछले 50 दिनों से सड़कों पर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की जा रही है.

पढ़ें- त्रिपुरा : शिक्षक भर्ती को लेकर आत्महत्या के बाद अगरतला में धरना-प्रदर्शन

दास ने सरकार पर अमानवीय होने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'सरकार आखिर कितने और शव देखना चाहती है. उसका दिल कब पिघलेगा.' दास ने सरकार को घोषणा पत्र भी याद दिलाया.

अगरतला : त्रिपुरा में एक और शिक्षक की मौत हो गई. अजित सूत्रधार उन शिक्षकों में शामिल थे जिनको 10,323 शिक्षकों की भर्ती के समय नौकरी मिली थी. बाद में कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इनकी नियुक्ति रद्द कर दी थी. अब तक 84 शिक्षकों की मौत हो चुकी है. इनमें कई मामले आत्महत्या के भी हैं.

संयुक्त आंदोलन समिति के बैनर तले शिक्षक संघ 50 दिन से प्रदर्शन कर रहा है. सोमवार को अजित सूत्रधार की मौत के बाद गुस्साए शिक्षकों का गुस्सा और भड़क गया. शिक्षकों ने अजित का शव रखकर नारेबाजी की. शिक्षा निदेशालय तक शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने उन 84 शिक्षकों के लिए न्याय की मांग की जो भर्ती रद्द होने के बाद जान गंवा चुके हैं.

शव रखकर किया प्रदर्शन

संयुक्त आंदोलन समिति के वरिष्ठ नेता दलिया दास ने प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सरकार को 'अमानवीय' करार दिया. साथ ही कहा कि सरकार कब इन शिक्षकों के बारे में नरमी से सोचेगी. दास ने कहा कि हमारे सहयोगी अजित सूत्रधार को नौकरी जाने के बाद मानसिक आघात पहुंचा, यही वजह है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

दास ने दावा किया कि शिक्षक पिछले 50 दिनों से सड़कों पर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की जा रही है.

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दास ने सरकार पर अमानवीय होने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'सरकार आखिर कितने और शव देखना चाहती है. उसका दिल कब पिघलेगा.' दास ने सरकार को घोषणा पत्र भी याद दिलाया.

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