अमरावती : आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के लिए जमीन देने वाले किसान लंबे समय से प्रदेश की तीन राजधानियां बनाने के राज्य सरकार के फैसला का विरोध कर रहे हैं. किसानों का विरोध प्रदर्शन 685 दिनों से जारी है. किसान अलग-अलग तरीके अपना कर पूरे प्रदेश में अपना आंदोलन फैला रहे हैं.
प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को अमरावती से तिरुपति तक महा पदयात्रा का शुभारंभ किया. टीडीपी, जनसेना, भाजपा, भाकपा, सीपीएम, बसपा और आप सहित कई राजनीतिक दलों ने किसानों की महा पदयात्रा को अपना समर्थन दिया है. किसानों की महा पदयात्रा को भारी जन समर्थन भी मिल रहा है.
यह पदयात्रा 45 दिनों तक चलेगी और 17 दिसंबर को तिरुपति पहुंचेगी. यह पदयात्रा गुंटूर, प्रकाशम, नेल्लोर और चित्तूर जिलों से होते हुए तिरुपति में समाप्त होगी. इस दौरान किसान लगभग 70 गांवों को कवर करेंगे. किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने पदयात्रा की व्यवस्था की निगरानी के लिए करीब 20 समितियों का गठन किया है.
महा पदयात्रा शुरू करने पहले किसानों द्वारा गुंटूर जिले के तुल्लूर दीक्षा शिविर में प्रार्थना की गई. किसानों ने एक राज्य और एक ही राजधानी के लिए प्रार्थना की. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं.
किसानों की महा पदयात्रा में टीडीपी समेत कई पार्टियों के नेताओं ने भी भाग लिया.
सीपीएम के राष्ट्रीय महासचिव नारायण ने अमरावती किसानों के नेतृत्व वाली महा पदयात्रा के लिए समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने राज्य सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी हर जिले में किसानों के साथ खड़ी रहेगी.