चंडीगढ़: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक का शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. करनाल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार पंजाब के मोहाली जिले में उनके पैतृक गांव भारौंजियां में होगा, तो वहीं मेजर आशीष का हरियाणा के पानीपत में उनके पैतृक गांव बिंझौल में अंतिम संस्कार किया जायेगा.
श्रीनगर से रवाना हुआ विशेष विमान- सेना का विशेष विमान शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक के पार्थिव शरीर को लेकर श्रीनगर से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गया है. चंडीगढ़ में उतरने के बाद उनके पार्थिव शरीर को पंचकूला में चंडी मंदिर के पास सेना के वेस्टर्न कमांड में उनके परिजनों को सौंपा जायेगा. उसके बाद आर्मी की गाड़ी पार्थिव शरीर को लेकर उनके पैतृक गांव के लिए रवाना हो जायेगी. दोपहर 12 बजे के करीब अंतिम संस्कार किया जायेगा. सेना के अधिकारियों से बातचीत के बाद मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह ने कहा कि उन्हें बताया है कि कल 12 बजे के करीब मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर घर पर लाया जाएगा. उसके बाद यहीं पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
अंतिम संस्कार में सीएम भी होंगे शामिल- शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के अंतिम संस्कार में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के भी पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके साथ ही कई अन्य राजनीतिक हस्तियां भी इस मौके पर उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंच सकती हैं. बुधवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में मोहाली के रहने वाले कर्नल मनप्रीत शहीद हो गए थे. कर्नल मनप्रीत सिंह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं.
मेजर आशीष धौंचक को पानीपत में आखिरी विदाई- अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के दूसरे जवान मेजर आशीष धौंचक का भी शुक्रवार को ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा. उनके पैतृक गांव बिंझौल में उन्हें आखिरी विदाई दी जायेगी. जानकारी दी गई है कि करीब 12 बजे मेजर आशीष का पार्थिव शरीर पहले उनके पानीपत में नवनिर्मित मकान में पहुंचेगा.
नए घर में पहली और आखिरी बार प्रवेश करेंगे आशीष- पानीपत में मेजर आशीष का नया घर बनकर तैयार है. इसी मकान के उद्घाटन के लिए अगले महीने वो छुट्टी पर आने वाले थे. मां के कहने पर पार्थिव शरीर को नए घर में लाया जाएगा. मां का कहना है मेरे बेटे के सपनों के घर में बेटे के कदम आखिरी बार जरूर पड़ने चाहिए. पानीपत में पार्थिव शरीर के पहुंचने के बाद मेजर आशीष को उनके पैतृक गांव बिंझौल में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. शहीद मेजर आशीष की अंतिम यात्रा में कई बड़े नेता और अधिकारी उनके पैतृक गांव पहुंचेंगे. मेजर आशीष अपने पीछे माता, पिता, पत्नी और ढाई साल की बेटी छोड़ गए हैं.