औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : अमरावती में शनिवार सुबह कथित रूप से भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान भीड़ ने पथराव किया और दुकानों में तोड़फोड़ की. उस घटना को लेकर राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी और हिंसा के साजिशकर्ताओं के चेहरे जल्द बेनकाब किए जाएंगे.
त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विभिन्न जिलों में मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के दौरान शुक्रवार को पथराव की घटनाओं के खिलाफ आयोजित बंद के दौरान शनिवार को हिंसा हुई. अमरावती के राजकमल चौक इलाके में सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए. उनमें से कई लोगों के हाथों में भगवा झंडा था.
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हिंसा हो रही है, उसका उद्देश्य एमवीए सरकार को अस्थिर करना है. हिंसा को बढ़ावा देते हुए वे (विपक्ष) राज्यपाल से मिलेंगे और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा करेंगे कि महाराष्ट्र में (कानून और व्यवस्था की) स्थिति बिगड़ रही है. भविष्य में भी ऐसा होगा.
लेकिन, राज्य सरकार इससे कड़ाई से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इस हिंसा के पीछे के ‘असली चेहरे’ राज्य के गृह विभाग की जांच में बेनकाब होंगे.
इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने अमरावती में हुई हिंसा की निंदा की है.
उन्होंने कहा कि मैं त्रिपुरा व महाराष्ट्र की हिंसा की निंदा करता हूं. मैं राज्य के उन नेताओं से सवाल करना चाहता हूं जो मुसलमानों के वोट लेकर सत्ता में आए और उन्होंने त्रिपुरा में हिंसा की निंदा क्यों नहीं की? अगर महाराष्ट्र में किसी राजनीतिक दल द्वारा यह ‘जैसे को तैसा’ जवाब है, तो यह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है. शुक्रवार की हिंसा के सिलसिले में पुलिस अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
(पीटीआई-भाषा)