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SC ने आम्रपाली के 9500 फ्लैटों की बुकिंग रद्द करने प्रक्रिया शुरू की - Amrapali case

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली परियोजना के उन 9,500 से अधिक फ्लैटों की बुकिंग रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर अबतक कोई दावा नहीं किया गया है या जिन्हें फर्जी व्यक्तियों ने फ्लैटों को अपने नाम पर बुक कर रखा था.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 14, 2021, 10:02 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली परियोजना के उन 9,500 से अधिक फ्लैटों की बुकिंग रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर अबतक कोई दावा नहीं किया गया है या जिन्हें फर्जी व्यक्तियों के नाम पर बुक किया गया है या जो बेनामी संपत्ति हैं. इससे अटकी परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी.

उच्चतम न्यायालय ने कहा वह निर्देश देगा कि 9,538 खरीदारों को अपना पंजीकरण अपडेट करने और भुगतान करने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए, ऐसा नहीं करने पर इन इकाइयों को बिना बिका (अनसोल्ड) माना जाएगा और उनकी नीलामी की जाएगी.

इसे भी पढ़े-SC ने नालसा से दोषियों की समय पूर्व रिहाई के लिए समान एसओपी जारी करने पर विचार करने को कहा

घर खरीदारों की ओर से पेश हुए वकील एम एल लाहोटी ने कहा कि घर खरीदारों ने पहले दिए गए एक नोट में कहा था कि ना बिके फ्लैट और फर्जी नामों पर बुक किए गए फ्लैट, जिनकी फॉरेंसिक ऑडिट में पहचान की गई है, उन्हें लंबित परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने की खातिर दोबारा बेचने की जरूरत है. इसके बाद न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि वह इस विषय पर एक आदेश पारित करेगी.

आपको बता दें कि यह आदेश अभी तक उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है.पीठ ने लाहोटी की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि इस तरह के खरीदारों को अंतिम नोटिस भेजे जाएंगे और उनसे पंजीकरण कराने तथा भुगतान योजना के अनुरूप सभी बकाये का भुगतान करने को कहा जाएगा, ऐसा ना होने पर उनकी संपत्ति को ना बिका हुआ माना जाएगा और उनकी बुकिंग रद्द कर दी जाएगी

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली परियोजना के उन 9,500 से अधिक फ्लैटों की बुकिंग रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर अबतक कोई दावा नहीं किया गया है या जिन्हें फर्जी व्यक्तियों के नाम पर बुक किया गया है या जो बेनामी संपत्ति हैं. इससे अटकी परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी.

उच्चतम न्यायालय ने कहा वह निर्देश देगा कि 9,538 खरीदारों को अपना पंजीकरण अपडेट करने और भुगतान करने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए, ऐसा नहीं करने पर इन इकाइयों को बिना बिका (अनसोल्ड) माना जाएगा और उनकी नीलामी की जाएगी.

इसे भी पढ़े-SC ने नालसा से दोषियों की समय पूर्व रिहाई के लिए समान एसओपी जारी करने पर विचार करने को कहा

घर खरीदारों की ओर से पेश हुए वकील एम एल लाहोटी ने कहा कि घर खरीदारों ने पहले दिए गए एक नोट में कहा था कि ना बिके फ्लैट और फर्जी नामों पर बुक किए गए फ्लैट, जिनकी फॉरेंसिक ऑडिट में पहचान की गई है, उन्हें लंबित परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने की खातिर दोबारा बेचने की जरूरत है. इसके बाद न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि वह इस विषय पर एक आदेश पारित करेगी.

आपको बता दें कि यह आदेश अभी तक उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है.पीठ ने लाहोटी की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि इस तरह के खरीदारों को अंतिम नोटिस भेजे जाएंगे और उनसे पंजीकरण कराने तथा भुगतान योजना के अनुरूप सभी बकाये का भुगतान करने को कहा जाएगा, ऐसा ना होने पर उनकी संपत्ति को ना बिका हुआ माना जाएगा और उनकी बुकिंग रद्द कर दी जाएगी

(पीटीआई-भाषा)

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