लखनऊ : केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पांच जनवरी को लखनऊ आएंगे. वे लखनऊ में रात्रि विश्राम भी करेंगे और कार्यालय में ही रहेंगे. इसके बाद वह छह जनवरी को अयोध्या राम मंदिर दर्शन करने के लिए जाएंगे. इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी और संघ के आला पदाधिकारी नागेंद्र की माता के निधन के बाद त्रयोदशी के मौके पर श्रद्धांजलि देने जाएंगे. इस सबके पहले पांच जनवरी को लखनऊ में संगठन के आला पदाधिकारियों महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. जिसमें लोकसभा चुनाव की तैयारी और राम मंदिर मैं प्राण प्रतिष्ठा संबंधित तैयारी को लेकर संगठन के पदाधिकारी का रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा. अमित शाह इस बैठक में पदाधिकारी को जरूरी दिशा निर्देश भी देंगे.
अमित शाह उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहते हुए वर्ष 2014 के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. वर्ष 2014 ही वह क्रांतिकारी लोकसभा चुनाव था जब भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 73 सीटों पर कामयाबी हासिल करके अभूतपुर्व रिकॉर्ड बना डाला था जो कि भाजपा अभी तक नहीं तोड़ पाई है. इस बार भारतीय जनता पार्टी इस रिकार्ड को तोड़ने की तैयारी कर रही है. ऐसे में अमित शाह के दिशा निर्देश पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं. अमित शाह पांच जनवरी को जब लखनऊ पहुंचेंगे तो वह केवल और केवल संगठनात्मक गतिविधियों पर ही नजर रखेंगे यहां तक की रात्रि विश्राम भी प्रदेश कार्यालय में ही करेंगे.
इससे पहले एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक होगी. जिसमें प्रदेश पदाधिकारी के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे और उनसे जानेंगे कि किस तरह की लोकसभा चुनाव की तैयारी उत्तर प्रदेश में चल रही हैं. विधानसभा क्षेत्रवार सांसदों के रिकॉर्ड पर नजर डालेंगे और इसके साथ ही वहां से मिले फीडबैक को भी परखेंगे. यही नहीं राम मंदिर निर्माण और उसकी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी अमित शाह पार्टी के अभियानों की समीक्षा करेंगे. जिसके जरिए वे जरूरी निर्देश देकर पार्टी के अभियानों में अपना इनपुट जोड़ेंगे. अमित शाह अयोध्या में रामलला के दर्शन भी करेंगे और अयोध्या में संबंधित पदाधिकारी से भी मुलाकात करके जरूरी दिशा निर्देश देंगे. भारतीय जनता पार्टी के अभियानों को लेकर अमित शाह का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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