श्रीनगर : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह इस समय जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. इस दौरान शाह आरएसपुरा सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी गये. इसके अलावा शाह ने जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गांव मकवाल में जाकर स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत की. उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे.
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#WATCH | J&K: Union Home Minister Amit Shah takes the contact number of a local resident of Makwal border in Jammu, shares his own and tells him that the man can contact him whenever he needs.
— ANI (@ANI) October 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The Home Minister visited the forward areas of Makwal border today. pic.twitter.com/KJnI9zEsSD
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— ANI (@ANI) October 24, 2021
The Home Minister visited the forward areas of Makwal border today. pic.twitter.com/KJnI9zEsSD#WATCH | J&K: Union Home Minister Amit Shah takes the contact number of a local resident of Makwal border in Jammu, shares his own and tells him that the man can contact him whenever he needs.
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The Home Minister visited the forward areas of Makwal border today. pic.twitter.com/KJnI9zEsSD
मकवाल में गृहमंत्री शाह ने एक स्थानीय नागरिक का फोन नंबर अपने मोबाइल में सेव किया. इसके अलावा गृहमंत्री ने उसको अपना नंबर भी दिया और कहा कि जब भी जरूरत पड़े तो वह फोन कर सकते हैं. अमित शाह ने लोगों से काफी देर तक खाट पर बैठक बात की.
इसके बाद शाह ने ट्वीट कर लिखा,'जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गांव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना. देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गांव में रहने वाले नागरिक का भी है. मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं.'
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जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गाँव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना। देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गाँव में रहने वाले नागरिक का भी है। मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। pic.twitter.com/pATCehK8iB
— Amit Shah (@AmitShah) October 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गाँव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना। देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गाँव में रहने वाले नागरिक का भी है। मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। pic.twitter.com/pATCehK8iB
— Amit Shah (@AmitShah) October 24, 2021जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गाँव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना। देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गाँव में रहने वाले नागरिक का भी है। मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। pic.twitter.com/pATCehK8iB
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इससे पहले जम्मू के एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भेदभावपूर्ण अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों के कारण समाप्त किया जा सका, ताकि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा किया जा सके.
यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों के कारण अनुच्छेद 370 को हटाया जा सका: अमित शाह
अगस्त, 2019 में राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद जम्मू कश्मीर में अपनी पहली जनसभा में शाह ने कहा कि मोदी ने जम्मू कश्मीर में जमीनी लोकतंत्र बहाल किया और विकास का नया चरण शुरू किया, जहां लाखों लोगों ने अनुच्छेद 370 के तहत अन्याय का सामना किया था.
गृह मंत्री ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद मैं जम्मू के भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं. मैं खराब मौसम के कारण थोड़े तनाव में था और आपसे मिलने को लेकर असमंजस था. लेकिन माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से सूरज बाहर आया और हम मिले.
गौरतलब है कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद शाह की यह पहली कश्मीर यात्रा है.