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अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेशों को 2047 के लिए अपना विजन तैयार करने के दिए निर्देश - Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने गृह मंत्रालय में संघ राज्य क्षेत्रों पर एक सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में अमित शाह ने संघ राज्य क्षेत्रों को देश के लिए रोल मॉडल बनाने पर जोर दिया. वहीं दूसरी ओर उन्होंने बीएसएफ द्वारा तैयार मोबाइल ऐप 'प्रहरी' को भी जारी किया.

Union Home and Cooperation Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह
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Published : Dec 29, 2022, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय ने संघ राज्य क्षेत्रों पर गुरुवार को दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया. संघ राज्य क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों के लिए सुशासन और विकास का मॉडल बनाने के विजन को पूरा करने की दिशा में आयोजित इस सम्मेलन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर अमित शाह ने संघ राज्य क्षेत्रों को 2047 के लिए अपना विजन तैयार करने का भी निर्देश दिया.

अपने सम्बोधन में केंद्रीय गृह मंत्री ने संघ राज्य क्षेत्रों को देश के लिए रोल मॉडल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि यदि संघ राज्य क्षेत्रों की क्षमता का पूरी तरह से दोहन किया जाए, तो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. उन्होंने कहा कि संघ राज्य क्षेत्रों को पर्यटन, विकास और कल्याण का केंद्र बनने की दिशा में प्रयास करते हुए वोकल फॉर लोकल और एक भारत श्रेष्ठ भारत के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेनी चाहिए.

अमित शाह ने कहा कि सभी संघ राज्य क्षेत्रों को राष्ट्रीय उद्देश्यों और विजन प्राप्त करने और विकास यात्रा में देश को आगे ले जाने के लिए एक साथ आकर एक साझा मंच पर तालमेल से काम करना चाहिए. शाह ने कहा कि संघ राज्य क्षेत्र भौगोलिक आकार में छोटे हैं और इनका प्रशासनिक ढांचा अपेक्षाकृत सरल है, इसलिए पायलट कार्यक्रमों के साथ प्रयोग करने के लिए संघ राज्य क्षेत्र आदर्श प्रोटोटाइप हैं. इन प्रयोगों का संघ राज्य क्षेत्रों में छोटे पैमाने पर परीक्षण किया जा सकता है और फिर देश के बड़े क्षेत्रों और राज्यों में दोहराया जा सकता है.

अमित शाह ने ये भी कहा कि विकास और जन भागीदारी के लिए सहकारी समितियों विशेष रूप से मत्स्य पालन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. साथ ही संघ राज्य क्षेत्रों को बाहरी संसाधनों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए अपने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि इस प्रक्रिया में राजस्व के नुकसान को कम किया जा सके. शाह ने कहा कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने और परिवहन आदि की लागत कम करने के लिए देश में पर्यटक सर्किट विकसित किए जाने चाहिए.

बीएसएफ द्वारा तैयार मोबाइल ऐप 'प्रहरी' को किया जारी

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की रक्षा करने के मामले में सैनिकों की सतर्कता और बहादुरी का वहां लगे स्तंभों और बाड़ों से कोई मुकाबला नहीं है और अग्रिम स्थानों के निकट रहने वाले देशभक्त ग्रामीण इस सुरक्षा को और मजबूत बनाते हैं. शाह ने बीएसएफ द्वारा तैयार किए गए मोबाइल ऐप 'प्रहरी' और सीमा सुरक्षा बल के मैनुअल को जारी करते हुए यह सुझाव भी दिया कि 'वाइब्रेंट विलेज (जीवंत ग्राम)' कार्यक्रम के तहत सुरक्षाकर्मियों को गांवों में पर्यटन के विकास को लेकर प्रयास करने चाहिए.

हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा स्तंभों या बाड़बंदी से नहीं बल्कि सीमा पर डटे जवानों के शौर्य, देशभक्ति और सतर्कता से सुनिश्चित की जा सकती है. गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ देश की सबसे जटिल सीमा की सुरक्षा करता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 'वन बॉर्डर वन फोर्स' अवधारणा के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास आ गई थी.

पढ़ें: शाह कल से कर्नाटक के मांड्या बेंगलुरु ग्रामीण जिलों के दो दिवसीय दौरे पर

उन्होंने कहा कि बीएसएफ के वीर सैनिक पूरी सतर्कता, मजबूती व तत्परता से इन सीमाओं पर तैनात हैं. शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब सीमावर्ती गांव आबाद हों. सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती के साथ-साथ गांव में रहने वाले देशभक्त नागरिक भी स्थायी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं और सभी सीमा रक्षक बलों को उन्हें मजबूती देनी चाहिए.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय ने संघ राज्य क्षेत्रों पर गुरुवार को दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया. संघ राज्य क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों के लिए सुशासन और विकास का मॉडल बनाने के विजन को पूरा करने की दिशा में आयोजित इस सम्मेलन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर अमित शाह ने संघ राज्य क्षेत्रों को 2047 के लिए अपना विजन तैयार करने का भी निर्देश दिया.

अपने सम्बोधन में केंद्रीय गृह मंत्री ने संघ राज्य क्षेत्रों को देश के लिए रोल मॉडल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि यदि संघ राज्य क्षेत्रों की क्षमता का पूरी तरह से दोहन किया जाए, तो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. उन्होंने कहा कि संघ राज्य क्षेत्रों को पर्यटन, विकास और कल्याण का केंद्र बनने की दिशा में प्रयास करते हुए वोकल फॉर लोकल और एक भारत श्रेष्ठ भारत के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेनी चाहिए.

अमित शाह ने कहा कि सभी संघ राज्य क्षेत्रों को राष्ट्रीय उद्देश्यों और विजन प्राप्त करने और विकास यात्रा में देश को आगे ले जाने के लिए एक साथ आकर एक साझा मंच पर तालमेल से काम करना चाहिए. शाह ने कहा कि संघ राज्य क्षेत्र भौगोलिक आकार में छोटे हैं और इनका प्रशासनिक ढांचा अपेक्षाकृत सरल है, इसलिए पायलट कार्यक्रमों के साथ प्रयोग करने के लिए संघ राज्य क्षेत्र आदर्श प्रोटोटाइप हैं. इन प्रयोगों का संघ राज्य क्षेत्रों में छोटे पैमाने पर परीक्षण किया जा सकता है और फिर देश के बड़े क्षेत्रों और राज्यों में दोहराया जा सकता है.

अमित शाह ने ये भी कहा कि विकास और जन भागीदारी के लिए सहकारी समितियों विशेष रूप से मत्स्य पालन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. साथ ही संघ राज्य क्षेत्रों को बाहरी संसाधनों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए अपने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि इस प्रक्रिया में राजस्व के नुकसान को कम किया जा सके. शाह ने कहा कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने और परिवहन आदि की लागत कम करने के लिए देश में पर्यटक सर्किट विकसित किए जाने चाहिए.

बीएसएफ द्वारा तैयार मोबाइल ऐप 'प्रहरी' को किया जारी

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की रक्षा करने के मामले में सैनिकों की सतर्कता और बहादुरी का वहां लगे स्तंभों और बाड़ों से कोई मुकाबला नहीं है और अग्रिम स्थानों के निकट रहने वाले देशभक्त ग्रामीण इस सुरक्षा को और मजबूत बनाते हैं. शाह ने बीएसएफ द्वारा तैयार किए गए मोबाइल ऐप 'प्रहरी' और सीमा सुरक्षा बल के मैनुअल को जारी करते हुए यह सुझाव भी दिया कि 'वाइब्रेंट विलेज (जीवंत ग्राम)' कार्यक्रम के तहत सुरक्षाकर्मियों को गांवों में पर्यटन के विकास को लेकर प्रयास करने चाहिए.

हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा स्तंभों या बाड़बंदी से नहीं बल्कि सीमा पर डटे जवानों के शौर्य, देशभक्ति और सतर्कता से सुनिश्चित की जा सकती है. गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ देश की सबसे जटिल सीमा की सुरक्षा करता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 'वन बॉर्डर वन फोर्स' अवधारणा के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास आ गई थी.

पढ़ें: शाह कल से कर्नाटक के मांड्या बेंगलुरु ग्रामीण जिलों के दो दिवसीय दौरे पर

उन्होंने कहा कि बीएसएफ के वीर सैनिक पूरी सतर्कता, मजबूती व तत्परता से इन सीमाओं पर तैनात हैं. शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब सीमावर्ती गांव आबाद हों. सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती के साथ-साथ गांव में रहने वाले देशभक्त नागरिक भी स्थायी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं और सभी सीमा रक्षक बलों को उन्हें मजबूती देनी चाहिए.

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