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गृह मंत्री अमित शाह का प.बंगाल दौरा, लंबे समय बाद BSF को मिला वाटर एंबुलेंस - amit shah in west bengal

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसएफ के लिए छह वाटर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि इससे भारत-बांग्लादेश की सीमाओं पर पेट्रोलिंग कर रहे सुरक्षा बलों को काफी मदद मिलेगी. बीएसएफ इसकी मांग लंबे समय से कर रही थी. भारत-बांग्लादेश के बीच काफी लंबी सीमा नदी से जुड़ी हुई है. इन इलाकों में फेंसिंग नहीं है. वाटर एंबुलेंस की शुरुआत होने से यहां पर बीएसएफ को पेट्रोलिंग करने में मदद मिलेगी.

amit shah, hm
अमित शाह, गृह मंत्री
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Published : May 5, 2022, 11:01 PM IST

हिंगालगंज : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिनों के प. बंगाल दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने बीएसएफ के लिए छह वाटर एंबुलेंस समर्पित किए. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर जलीय इलाकों में पेट्रोलिंग के दौरान इन एंबुलेंस की सेवा ली जाएगी. सुरक्षा बलों को इससे काफी सहुलियत मिलेगी.

बीएसएफ इस तरह के एंबुलेंस की मांग लंबे समय से कर रही थी. दरअसल, जलीय इलाकों में बारबंदी नहीं की जा सकती है. इसलिए बीएसएफ को वहां पर पेट्रोलिंग करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, खासकर मेडिकल सुविधाओं को लेकर.

बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि भारत-बांग्लादेश की सीमा, खासकर द.24 परगना और उ.24 परगना में कई जगहों पर फेंसिंग की गई है. लेकिन यह फेंसिंग मुख्य रूप से जमीनी इलाके में हुई है. जहां-जहां पर नदियां हैं, उन क्षेत्रों में फेंसिंग नहीं है. लंबे समय के बाद केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार की इन मांंगों को मान लिया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे बीएसएफ को काम करने में सुविधा हासिल होगी.

और क्या कहा अमित शाह ने

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें स्थानीय अधिकारियों को जनता के दबाव के कारण मदद का हाथ बढ़ाने के लिए 'मजबूर' होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, 'बीएसएफ को यह सुनिश्चित करना होता है कि सीमाएं अभेद्य हों. सीमाओं की रक्षा करना उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है.' केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की सराहना की.

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार का एक मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि देश बाहर और अंदर दोनों तरफ से सुरक्षित रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है क्योंकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं.' उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना मोदी सरकार का मूल लक्ष्य है. शाह ने कहा कि केंद्र सरकार बीएसएफ की महिला जवानों को लाभ पहुंचाने के लिए पांच साल का कार्यक्रम लेकर आई है.

उन्होंने कहा, 'मैं सीमाओं पर जवानों को होने वाली कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हूं. इसलिए हम आवास कार्यक्रम और कई अन्य नीतियां लेकर आए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जवानों को अपने परिवारों के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिले.'

उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए तैनात हमारे जवानों को कम से कम कठिनाई हो, इसके लिए मोदी सरकार संकल्पित है. उन्होंने कहा कि जवानों के परिवार की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

शाह ने हरिदासपुर में 'मैत्री संग्रहालय' की आधारशिला रखते हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में बीएसएफ की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम अपने जवानों को दुनिया की सबसे आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं.

हिंगालगंज : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिनों के प. बंगाल दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने बीएसएफ के लिए छह वाटर एंबुलेंस समर्पित किए. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर जलीय इलाकों में पेट्रोलिंग के दौरान इन एंबुलेंस की सेवा ली जाएगी. सुरक्षा बलों को इससे काफी सहुलियत मिलेगी.

बीएसएफ इस तरह के एंबुलेंस की मांग लंबे समय से कर रही थी. दरअसल, जलीय इलाकों में बारबंदी नहीं की जा सकती है. इसलिए बीएसएफ को वहां पर पेट्रोलिंग करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, खासकर मेडिकल सुविधाओं को लेकर.

बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि भारत-बांग्लादेश की सीमा, खासकर द.24 परगना और उ.24 परगना में कई जगहों पर फेंसिंग की गई है. लेकिन यह फेंसिंग मुख्य रूप से जमीनी इलाके में हुई है. जहां-जहां पर नदियां हैं, उन क्षेत्रों में फेंसिंग नहीं है. लंबे समय के बाद केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार की इन मांंगों को मान लिया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे बीएसएफ को काम करने में सुविधा हासिल होगी.

और क्या कहा अमित शाह ने

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें स्थानीय अधिकारियों को जनता के दबाव के कारण मदद का हाथ बढ़ाने के लिए 'मजबूर' होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, 'बीएसएफ को यह सुनिश्चित करना होता है कि सीमाएं अभेद्य हों. सीमाओं की रक्षा करना उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है.' केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की सराहना की.

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार का एक मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि देश बाहर और अंदर दोनों तरफ से सुरक्षित रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है क्योंकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं.' उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना मोदी सरकार का मूल लक्ष्य है. शाह ने कहा कि केंद्र सरकार बीएसएफ की महिला जवानों को लाभ पहुंचाने के लिए पांच साल का कार्यक्रम लेकर आई है.

उन्होंने कहा, 'मैं सीमाओं पर जवानों को होने वाली कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हूं. इसलिए हम आवास कार्यक्रम और कई अन्य नीतियां लेकर आए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जवानों को अपने परिवारों के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिले.'

उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए तैनात हमारे जवानों को कम से कम कठिनाई हो, इसके लिए मोदी सरकार संकल्पित है. उन्होंने कहा कि जवानों के परिवार की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

शाह ने हरिदासपुर में 'मैत्री संग्रहालय' की आधारशिला रखते हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में बीएसएफ की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम अपने जवानों को दुनिया की सबसे आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं.

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