ETV Bharat / bharat

AFSPA निरस्त करने की मांग पर पूर्व बीएसएफ डीजीपी बोले- काननू की समीक्षा की जरूरत

बीएसएफ(BSF) के पूर्व महानिदेशक (former director general) प्रकाश सिंह ने कहा कि विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा की जानी चाहिए कि क्या इसे निरस्त करने या जारी रखने की जरूरत है.

afspa northeast pros cons politician exper
अफस्पा निरस्त करने की मांग के बीच बीएसएफ के पूर्व डीजीपी बोले
author img

By

Published : Dec 8, 2021, 7:09 AM IST

नई दिल्ली: नगालैंड में 14 नागरिकों की हत्या के बाद पूर्वोत्तर से विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को निरस्त करने की भारी मांग के बीच, असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने मंगलवार को इस अधिनियम को तत्काल निरस्त करने के बजाय अधिनियम की समीक्षा करने पर जोर दिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, सिंह ने कहा कि अफस्पा और नगालैंड में शनिवार की घटना दो अलग-अलग मुद्दे हैं. कुछ तत्व जो सरकार के सामने नहीं हैं, वे उस त्रासदी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं जहां सुरक्षा बलों द्वारा एक मामले में गलत पहचान पर निहत्थे नागरिकों को मार दिया गया.

उन्होंने कहा कि अफस्पा अलग मुद्दा है और इन दोनों को मिलाना नहीं चाहिए. जिस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है, वह यह है कि सुरक्षा बल किन परिस्थितियों में ऑपरेशन के लिए गए. सिंह ने कहा खुफिया जानकारी क्या थी? क्या खुफिया सही था या गलत? क्या यह भ्रामक था? अगर यह भ्रामक था तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सामने आने से पहले क्या सावधानियां बरती गईं, लोगों की पहचान का पता लगाने के लिए क्या किया गया? अगर पीड़ितों की ओर से कोई जवाबी कारवाई नहीं की जा रही थी तो सुरक्षा बलों ने गोलीबारी क्यों जारी रखी?

ये भी पढ़ें- 1962 की लड़ाई के 59 वर्षों बाद चीन के साथ सीमा पर तनाव, फिर भी बेखबर है तवांग

उन्होंने आगे कहा कि गोलीबारी के पहले दौर के बाद, क्या दूसरे दौर की गोलीबारी आवश्यक थी जिसमें सात और लोगों की मौत हो गई. सिंह ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिनकी जांच और अध्ययन की जरूरत है, जिसके लिए जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सेना द्वारा गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी और राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी से पता चलेगा कि असल में क्या हुआ था.

यह पूछे जाने पर कि क्या AFSPA को निरस्त किया जाना चाहिए या नहीं, सिंह ने कहा कि यह चर्चा चल रही है कि क्या उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों के कवर की आवश्यकता है या नहीं. आपको नगालैंड की घटना और AFSPA को मिलाना नहीं चाहिए. बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक रह चुके सिंह ने कहा कि अधिनियम की समीक्षा की जानी चाहिए कि क्या इसे निरस्त करने या जारी रखने की जरूरत है.

नई दिल्ली: नगालैंड में 14 नागरिकों की हत्या के बाद पूर्वोत्तर से विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को निरस्त करने की भारी मांग के बीच, असम पुलिस के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने मंगलवार को इस अधिनियम को तत्काल निरस्त करने के बजाय अधिनियम की समीक्षा करने पर जोर दिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, सिंह ने कहा कि अफस्पा और नगालैंड में शनिवार की घटना दो अलग-अलग मुद्दे हैं. कुछ तत्व जो सरकार के सामने नहीं हैं, वे उस त्रासदी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं जहां सुरक्षा बलों द्वारा एक मामले में गलत पहचान पर निहत्थे नागरिकों को मार दिया गया.

उन्होंने कहा कि अफस्पा अलग मुद्दा है और इन दोनों को मिलाना नहीं चाहिए. जिस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है, वह यह है कि सुरक्षा बल किन परिस्थितियों में ऑपरेशन के लिए गए. सिंह ने कहा खुफिया जानकारी क्या थी? क्या खुफिया सही था या गलत? क्या यह भ्रामक था? अगर यह भ्रामक था तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सामने आने से पहले क्या सावधानियां बरती गईं, लोगों की पहचान का पता लगाने के लिए क्या किया गया? अगर पीड़ितों की ओर से कोई जवाबी कारवाई नहीं की जा रही थी तो सुरक्षा बलों ने गोलीबारी क्यों जारी रखी?

ये भी पढ़ें- 1962 की लड़ाई के 59 वर्षों बाद चीन के साथ सीमा पर तनाव, फिर भी बेखबर है तवांग

उन्होंने आगे कहा कि गोलीबारी के पहले दौर के बाद, क्या दूसरे दौर की गोलीबारी आवश्यक थी जिसमें सात और लोगों की मौत हो गई. सिंह ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिनकी जांच और अध्ययन की जरूरत है, जिसके लिए जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सेना द्वारा गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी और राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी से पता चलेगा कि असल में क्या हुआ था.

यह पूछे जाने पर कि क्या AFSPA को निरस्त किया जाना चाहिए या नहीं, सिंह ने कहा कि यह चर्चा चल रही है कि क्या उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों के कवर की आवश्यकता है या नहीं. आपको नगालैंड की घटना और AFSPA को मिलाना नहीं चाहिए. बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक रह चुके सिंह ने कहा कि अधिनियम की समीक्षा की जानी चाहिए कि क्या इसे निरस्त करने या जारी रखने की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.