उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 40 मजदूरों के रेस्क्यू की खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटना की सीएम धामी से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं. वहीं उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 40 मजदूरों का रेस्क्यू करने के लिए तमाम कोशिशें जारी हैं. टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन से युद्ध स्तर से कार्य किया जा रहा है. अभी तक मशीन द्वारा चार पाइपों को बिछाया जा चुका है. वहीं, सुरंग में ड्रिल कर डाले जा रहे पांचवें पाइप को किसी कठोर वस्तु ने आगे जाने से रोका.
एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि अमेरिकन ऑगर मशीन से कार्य जोरों पर चल रहा है. चार पाइप डाले जा चुके हैं और पांचवें की वेल्डिंग चल रही है. मशीन अच्छे से कार्य कर रही है. यदि कोई बाधा नहीं आती है, तो सुरंग बनाने और मजदूरों को जल्द रेस्क्यू कर लिया जाएगा. बता दें कि, सुरंग में अभी तक 21 मीटर ही ड्रिलिंग हो पाई है जबकि अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द सुरंग में फंसे सभी मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा. वहीं रेस्क्यू के लिए पूर्व में जेसीबी मशीन और मजदूरों, ड्रिलिंग मशीन से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा था.
जिसमें पांच एजेंसियां रेस्क्यू कार्य में जुटी है. रेस्क्यू कार्य को तेज करने के लिए हैवी ऑगर मशीन को आखिरी जरिया माना जा रहा है. क्यों कि यह मशीन हर तरह से कार्य करने में सक्षम बताई जा रही है. जिसके जरिए टनल में फंसे मजदूरों को जल्द रेस्क्यू करने की उम्मीद है.वहीं सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए अब आखिरी उम्मीदें ऑगर मशीन पर भी टिकी हुई हैं. पाइप पुशिंग तकनीकी वाली ऑगर मशीन सुरंग में आए मलबे के बीच ड्रिलिंग कर रही है.
पढ़ें-उत्तरकाशी टनल हादसा: अमेरिकन ऑगर पर टिकी ऑपरेशन 'जिंदगी' की उम्मीदें, जानिए क्या है खासियत
-
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel incident | Uttarkashi SP Arpan Yaduvanshi says, "American augur machine is a highly advanced machine. Its work is going on in full swing. As per the latest update, four pipes have been inserted and the welding of a fifth one is underway.… pic.twitter.com/Yj8WeZGFlE
— ANI (@ANI) November 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel incident | Uttarkashi SP Arpan Yaduvanshi says, "American augur machine is a highly advanced machine. Its work is going on in full swing. As per the latest update, four pipes have been inserted and the welding of a fifth one is underway.… pic.twitter.com/Yj8WeZGFlE
— ANI (@ANI) November 17, 2023#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel incident | Uttarkashi SP Arpan Yaduvanshi says, "American augur machine is a highly advanced machine. Its work is going on in full swing. As per the latest update, four pipes have been inserted and the welding of a fifth one is underway.… pic.twitter.com/Yj8WeZGFlE
— ANI (@ANI) November 17, 2023
यह मशीन एक घंटे मे 5 से 6 मीटर तक ड्रिलिंग कर रही है. लेकिन पाइप वेल्डिंग और एलाइनमेंट सही करने में करीब एक से दो घंटे का समय लग रहा है. जिससे अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में एक से दो दिन का समय और लग सकता है.सिलक्यारा सुरंग हादसे को आज छह दिन का समय पूरा हो चुका है. बीते मंगलवार को सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई थी. लेकिन उसकी क्षमता कम होने पर मशीन को मंगलवार देर रात हटा दिया गया था. जिसके बाद दिल्ली से 25 टन वजनी एक नई अत्याधुनिक ऑगर मशीन मंगवाई गई.
बुधवार को सेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से मशीनों को चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारा गया. गत बुधवार दिन से देर रात तक यह मशीन ट्रकों के माध्यम से सिलक्यारा टनल साइट तक पहुंचाई गई. जिसके बाद देर रात से ही इस मशीन को स्थापित करने का काम शुरू किया गया. जो कि गुरुवार को सुबह तक चला. इसके बाद गुरुवार सुबह ड्रिलिंग शुरू की गई. जिससे दोपहर तक 6 मीटर लंबाई का पहला एमएस पाइप मलबे के अंदर डाला गया. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के मलबे में अब तक चार पाइप डाले जा चुके हैं. जिससे 24 मीटर तक मजदूरों को निकालने के लिए रास्ता तैयार हो चुका है. पांचवां पाइप डालने का कार्य जोरों पर है.
पढ़ें-दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाई गई हैवी ऑगर ड्रिल मशीन, सिलक्यारा के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर
अमेरिकन ऑगन मशीन की खासियत: रेस्क्यू टीम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास तमाम तरह के एक्सपर्ट मौजूद हैं. जिसमें आईटीबीपी और देशभर के टनल बनाने के महारथी शामिल हैं. हरक्यूलिस विमान से पहुंची अमेरिकन मशीन मजदूरों के ऊपर गिर रहे मलबे के खतरे को भी कम करेगी. ऐसे में मशीन से मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी.