वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले और अमेरिका के भीतर राजनयिक सुविधाओं के खिलाफ किसी भी हमले की निंदा की है. देश ने इन सुविधाओं के साथ-साथ उनके भीतर काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा और सुरक्षा की रक्षा करने का वचन दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को यह जानकारी दी है.
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The United States condemns the attack against the Indian Consulate and any attack against diplomatic facilities within the United States. We pledge to defend the safety and security of these facilities as well as the diplomats who work within them: US State Department… https://t.co/60mVkau2cu pic.twitter.com/LD0i1klFhR
— ANI (@ANI) March 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 20, 2023The United States condemns the attack against the Indian Consulate and any attack against diplomatic facilities within the United States. We pledge to defend the safety and security of these facilities as well as the diplomats who work within them: US State Department… https://t.co/60mVkau2cu pic.twitter.com/LD0i1klFhR
— ANI (@ANI) March 20, 2023
खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में तोड़फोड़ के बाद कथित तौर पर सैन फ्रांसिस्को (एसएफओ) में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया है. समर्थकों के कार्यालय का दरवाजा तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास पर हमला के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. भारतीय अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो वाणिज्य दूतावास के बाहर का है लेकिन यह कब का है इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) ने रविवार पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पर शक है. एफआईआईडीएस ने कहा है कि हमें संदेह है कि झूठे प्रचार के साथ सिख कट्टरपंथ को भड़काने और वित्त पोषण (financing) करने के पीछे पाकिस्तान की ISI है. हम लंदन के साथ-साथ एसएफओ में भी पूरी तरह से कानून और व्यवस्था की विफलता से चकित हैं, जहां कुछ कट्टरपंथी अलगाववादियों ने भारत के राजनयिक मिशनों पर हमला किया.
यह देखना बेहद चिंताजनक है कि यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका राजनयिक मिशनों की रक्षा के लिए वियना सम्मेलन के अनुसार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल हो रहे हैं. हम गृहभूमि सुरक्षा विभाग (डीएचएस) जैसे कानून और व्यवस्था संस्थानों से आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि एफबीआई के साथ-साथ सीआईए यह सुनिश्चित करने के लिए कि आतंकवाद को संयुक्त राज्य अमेरिका में कोई जगह और समर्थन नहीं मिले.
(एएनआई)