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अमरनाथ यात्रा की तैयारी पूरी, आईजीपी विजय कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की

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Published : Jun 27, 2022, 10:55 PM IST

कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने सोमवार को अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रा के संबंध में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक अंतिम बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में यात्रा के लिए सुरक्षा के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई. यह तीर्थयात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी. प्रशासन ने इस साल आठ लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई है. कोरोना वायरस के चलते दो साल तक तीर्थयात्रा नहीं हो सकी थी.

Amarnath Yatra
अमरनाथ यात्रा

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए 30 जून से तीर्थयात्रा शुरू होगी. दो साल बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. इस संबंध में कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.

बैठक में जीओसी विक्टर फोर्स, आईजी सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों और दक्षिणी जिलों के संबंधित एसएसपी ने भाग लिया. अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा की गई और इन चिंताओं को दूर करने के लिए एक रोडमैप पर भी चर्चा की गई. गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है जबकि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ ने हाईवे और अन्य सड़कों पर भी नए बंकर बनाए हैं. हाल ही में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि इस साल तीर्थयात्रा को लेकर पर्याप्त खुफिया रिपोर्ट्स हैं कि आतंकवादी इस पर हमला कर सकते हैं.

  • J&K | Lt Gov Manoj Sinha reviewed arrangements at the Amarnath Base Camp Yatri Niwas in Jammu

    Amarnath pilgrimage does not just hold religious or cultural significance. It also plays an important role in boosting the economy. There are sufficient security arrangements: J&K LG pic.twitter.com/41xMZO4WFD

    — ANI (@ANI) June 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपराज्यपाल ने अमरनाथ बेस कैंप में व्यवस्थाओं की समीक्षा की: वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप यात्री निवास में व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा का केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व ही नहीं है. यह अर्थव्यवस्था को गति देने में भी अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

इधर, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) भी अमरनाथ यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन इस पवित्र गुफा को जाने वाले पहलगाम एवं बालटाल दोनों मार्गों पर अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था कर श्राइन बोर्ड की कोशिशों में हाथ बटा रहा है. बोर्ड तीर्थयात्रा करने के इच्छुक श्रद्धालुओं के वास्ते सारे इंतजाम कर रहा है. साथ ही उसने उन लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है जो यात्रा नहीं कर सकते. एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, 'जो श्रद्धालु यात्रा के लिए नहीं आ सकते, वे ऑनलाइन दर्शन, पूजा, हवन एवं प्रसाद की सुविधा ले सकते हैं.'

बालटाल आधार शिविर में श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी सुविधाओं से युक्त 70 बिस्तरों वाला डीआरडीओ अस्पताल खोला गया है. इस अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सामान्य एवं ऑक्सीजन सुविधायुक्त वार्ड, ओपीडी, आईसीयू , दवाई भंडार एवं प्रयोगशाला है. इस अस्पताल का खर्च स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उठा रहा है. केंद्रशासित प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष इंतजाम किये हैं. उसने श्रद्धालुओं के लिए काजीगुंड से बालटाल एवं चदंनवाडी जाने के रास्तों में 55 स्थानों पर 'मूलभूत जीवन रक्षक एंबुलेंस' तथा 26 'उन्नत जीवन रक्षक गंभीर देखभाल एंबुलेंस' तैनात किए हैं.

यह भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रा : तीन लाख श्रद्धालु करा चुके रजिस्ट्रेशन, आरएफआईडी के जरिए होगी निगरानी

हाल में इन दोनों आधार शिविरों के दौरे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि इस साल विशेष ध्यान स्वच्छता पर है तथा बोर्ड का लक्ष्य स्वच्छ अमरनाथ यात्रा है. उन्होंने कहा था, हमने इन मार्गों पर जगह जगह शौचालय की व्यवस्था की है. हम संपूर्ण स्वच्छता को लेकर बहुत गंभीर हैं. स्वच्छ भारत प्रधानमंत्री द्वारा घोषित महज नारा नहीं है बल्कि एक कटिबद्धता है.

अधिकारी ने कहा कि बालटाल एवं पहलगाम मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है तथा नयी सुरक्षा चौकियां बनायी गयी हैं ताकि कोई तीर्थयात्रा को बाधित नहीं कर पाये. बोर्ड ने यात्रा के इच्छुक लोगों से आधार कार्ड या अन्य बायोमीट्रिक सत्यापित दस्तावेज लेकर आने को कहा है. यह यात्रा 30 जून को शुरू होगी और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन 11 अगस्त को होगा.

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए 30 जून से तीर्थयात्रा शुरू होगी. दो साल बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. इस संबंध में कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.

बैठक में जीओसी विक्टर फोर्स, आईजी सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों और दक्षिणी जिलों के संबंधित एसएसपी ने भाग लिया. अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा की गई और इन चिंताओं को दूर करने के लिए एक रोडमैप पर भी चर्चा की गई. गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है जबकि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ ने हाईवे और अन्य सड़कों पर भी नए बंकर बनाए हैं. हाल ही में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि इस साल तीर्थयात्रा को लेकर पर्याप्त खुफिया रिपोर्ट्स हैं कि आतंकवादी इस पर हमला कर सकते हैं.

  • J&K | Lt Gov Manoj Sinha reviewed arrangements at the Amarnath Base Camp Yatri Niwas in Jammu

    Amarnath pilgrimage does not just hold religious or cultural significance. It also plays an important role in boosting the economy. There are sufficient security arrangements: J&K LG pic.twitter.com/41xMZO4WFD

    — ANI (@ANI) June 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपराज्यपाल ने अमरनाथ बेस कैंप में व्यवस्थाओं की समीक्षा की: वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप यात्री निवास में व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा का केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व ही नहीं है. यह अर्थव्यवस्था को गति देने में भी अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

इधर, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) भी अमरनाथ यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन इस पवित्र गुफा को जाने वाले पहलगाम एवं बालटाल दोनों मार्गों पर अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था कर श्राइन बोर्ड की कोशिशों में हाथ बटा रहा है. बोर्ड तीर्थयात्रा करने के इच्छुक श्रद्धालुओं के वास्ते सारे इंतजाम कर रहा है. साथ ही उसने उन लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है जो यात्रा नहीं कर सकते. एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, 'जो श्रद्धालु यात्रा के लिए नहीं आ सकते, वे ऑनलाइन दर्शन, पूजा, हवन एवं प्रसाद की सुविधा ले सकते हैं.'

बालटाल आधार शिविर में श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी सुविधाओं से युक्त 70 बिस्तरों वाला डीआरडीओ अस्पताल खोला गया है. इस अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सामान्य एवं ऑक्सीजन सुविधायुक्त वार्ड, ओपीडी, आईसीयू , दवाई भंडार एवं प्रयोगशाला है. इस अस्पताल का खर्च स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उठा रहा है. केंद्रशासित प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष इंतजाम किये हैं. उसने श्रद्धालुओं के लिए काजीगुंड से बालटाल एवं चदंनवाडी जाने के रास्तों में 55 स्थानों पर 'मूलभूत जीवन रक्षक एंबुलेंस' तथा 26 'उन्नत जीवन रक्षक गंभीर देखभाल एंबुलेंस' तैनात किए हैं.

यह भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रा : तीन लाख श्रद्धालु करा चुके रजिस्ट्रेशन, आरएफआईडी के जरिए होगी निगरानी

हाल में इन दोनों आधार शिविरों के दौरे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि इस साल विशेष ध्यान स्वच्छता पर है तथा बोर्ड का लक्ष्य स्वच्छ अमरनाथ यात्रा है. उन्होंने कहा था, हमने इन मार्गों पर जगह जगह शौचालय की व्यवस्था की है. हम संपूर्ण स्वच्छता को लेकर बहुत गंभीर हैं. स्वच्छ भारत प्रधानमंत्री द्वारा घोषित महज नारा नहीं है बल्कि एक कटिबद्धता है.

अधिकारी ने कहा कि बालटाल एवं पहलगाम मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है तथा नयी सुरक्षा चौकियां बनायी गयी हैं ताकि कोई तीर्थयात्रा को बाधित नहीं कर पाये. बोर्ड ने यात्रा के इच्छुक लोगों से आधार कार्ड या अन्य बायोमीट्रिक सत्यापित दस्तावेज लेकर आने को कहा है. यह यात्रा 30 जून को शुरू होगी और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन 11 अगस्त को होगा.

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